भिलाई। छत्तीसगढ़ के स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (CSVTU) में शिक्षकों की नियुक्ति और उनके कक्षाओं में अनुपस्थित रहने की समस्या ने छात्रों और आम लोगों में गंभीर चिंता पैदा कर दी है। विश्वविद्यालय के छात्रों का कहना है कि कंप्यूटर साइंस विभाग में हुई एसोसिएट प्रोफेसर भर्ती घोटाले और परिवारवाद ने शिक्षा के स्तर को गिरा दिया है।
छात्रों के अनुसार, विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव ने अपने रसूख का उपयोग करते हुए अपनी बेटी को नियमों की अवहेलना कर एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किया, जबकि कई योग्य उम्मीदवारों को अवसर ही नहीं दिया गया। नियुक्त शिक्षिका को विश्वविद्यालय वाहन सुविधा और अन्य सभी सुविधाएँ भी प्रदान की गई, जबकि उन्होंने अब तक एक भी कक्षा में स्वयं नहीं पढ़ाया। इसके बजाय कंसल्टेंट रोबिन थामस को कक्षाएँ देने के लिए रखा गया, जिससे विश्वविद्यालय को दोहरा वित्तीय भार उठाना पड़ रहा है।
छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में नियमित शिक्षक वेतन तो लाखों में ले रहे हैं, लेकिन उनका लाभ छात्रों तक नहीं पहुँच रहा। कुछ शिक्षक विश्वविद्यालय आकर अपनी मर्ज़ी से चले जाते हैं और केवल घूमने-फिरने में समय बिताते हैं। इससे छात्रों का भविष्य अंधकारमय होने का खतरा पैदा हो गया है।
छात्रों ने कुलपति से अपील की है कि वे सभी नियमित शिक्षकों की उपस्थिति बायोमेट्रिक प्रणाली से सुनिश्चित करें और तदनुसार वेतन भुगतान किया जाए। इसके अलावा, छात्रों ने छात्र हित और सुशासन सुनिश्चित करने हेतु मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी से तत्काल कार्रवाई की मांग की है, ताकि विश्वविद्यालय का भविष्य उज्ज्वल रहे और युवाओं का समय व पैसा व्यर्थ न जाए।
छात्रों का यह भी कहना है कि तकनीकी शिक्षा विभाग में परिवारवाद और भ्रष्टाचार के कारण केवल पदों की नीयत सही नहीं थी, बल्कि इससे छात्र शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। सुशासन की उम्मीदें और मोदी सरकार की गारंटी को ध्यान में रखते हुए छात्र चाहते हैं कि शासन इस मामले में तुरंत संज्ञान ले और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे।
