दुर्ग, 22 सितम्बर 2025।
छत्तीसगढ़ की धर्मनगरी दुर्ग में इस वर्ष भी क्वांर नवरात्र पर्व की ऐतिहासिक परंपरा को निभाया गया। गंजपारा स्थित श्री सत्तीचौरा दुर्गा मंदिर की छोटी बहन और पुरानी गंजमंडी की बड़ी बहन माता की प्रतिमाओं का पावन मिलन विगत 48 वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार सम्पन्न हुआ।
माता की प्रतिमाओं के नगर भ्रमण के दौरान दोनों बहनों को आमने-सामने मिलाया गया। इस अनोखे मिलन के साक्षी बनने शहर सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। परंपरा है कि जब तक दोनों बहनें एक-दूसरे का दर्शन नहीं कर लेतीं, तब तक वे पंडाल में विराजमान नहीं होतीं। श्रद्धालु बताते हैं कि कई बार यह प्रत्यक्ष प्रमाण भी मिला है कि दोनों के दर्शन के बिना मूर्ति को स्थापित करना कठिन हो जाता है।

इस वर्ष सत्तीचौरा में दोनों माताओं का भव्य स्वागत किया गया। फूलों की वर्षा और रंगों के साथ आरती हुई। भक्तगण भक्ति में झूमते, गाते और नाचते रहे।
श्री सत्तीचौरा दुर्गा मंदिर समिति ने बताया कि 22 सितम्बर से 1 अक्टूबर तक नवरात्र के नौ दिनों तक प्रतिदिन प्रातः 9 बजे अभिषेक, दोपहर 12 बजे 108 कन्याओं का पूजन और कन्या भोज का आयोजन होगा। पंचमी पर 108 दीपों से महाआरती, अष्टमी पर 56 भोग का प्रसाद, नवमी पर 371 ज्योतियों के साथ ज्योत विसर्जन और दशमी को प्रदेश का सबसे बड़ा कन्या भोज आयोजित किया जाएगा। 3 अक्टूबर को माता की प्रतिमा का विसर्जन शोभायात्रा निकलेगी।
इस वर्ष सत्तीचौरा में बरहा ज्योतिर्लिंग दर्शन और शिव वाटिका की आकर्षक झांकियां भी सजाई गई हैं, जो श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव कराएंगी।
