छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाला: पूर्व आईएएस अधिकारी समेत 5 गिरफ्तार, रिश्वत और रिश्तेदारी पर उठे सवाल

रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले में सीबीआई ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें आयोग के पूर्व सचिव रहे आईएएस अधिकारी जीवन किशोर ध्रुव, पूर्व परीक्षा नियंत्रक अरति वासनिक, डिप्टी कलेक्टर सुमित ध्रुव और मिषा कोसले तथा जिला आबकारी अधिकारी दीपा अडिल शामिल हैं।

सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी को पेशी के बाद 22 सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है। बताया जा रहा है कि सुमित ध्रुव, जीवन किशोर ध्रुव का बेटा है, जबकि मिषा कोसले और दीपा अडिल, तत्कालीन सीजीपीएससी अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी के भाई की बहुएं हैं। सोनवानी को पहले ही इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।

कैसे खुला मामला
यह घोटाला तब सामने आया जब राज्य सरकार ने परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितताओं की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जुलाई 2023 में जांच सीबीआई को सौंपी। इसके बाद दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया गया कि तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव और अन्य अधिकारियों ने परीक्षा और साक्षात्कार की प्रक्रिया में हेरफेर कर अपने रिश्तेदारों को चयनित करवाया।

परीक्षा का पूरा आंकड़ा
सीबीआई के अनुसार, कुल 1,29,206 उम्मीदवारों ने प्रारंभिक परीक्षा दी थी। इनमें से 2,548 ने प्री पास किया, 509 ने मुख्य परीक्षा पास की और अंततः 170 उम्मीदवार विभिन्न पदों पर चयनित हुए। इसी सूची में कई ऐसे नाम सामने आए जिनका संबंध अधिकारियों से था।

इस पूरे घटनाक्रम ने उन हजारों अभ्यर्थियों की मेहनत पर पानी फेर दिया, जो ईमानदारी से परीक्षा में सफल होने का सपना लेकर बैठे थे। सीबीआई की ताजा कार्रवाई से पीड़ित उम्मीदवारों में उम्मीद जगी है कि अब दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी और भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों पर अंकुश लगेगा।

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