रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले की जांच में शुक्रवार को सीबीआई ने एक और बड़ी कार्रवाई की। एजेंसी ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तत्कालीन बड़े अफसर और उनके परिवारजन भी शामिल हैं। इन गिरफ्तारियों से यह साफ हो गया है कि भर्ती प्रक्रिया में अफसरों ने अपने ही रिश्तेदारों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए पूरे सिस्टम को प्रभावित किया।
📌 गिरफ्तार आरोपियों में कौन-कौन शामिल
गिरफ्तार लोगों में तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, सचिव का बेटा और डिप्टी कलेक्टर सुमित ध्रुव, तत्कालीन चेयरमैन के भाई की बहू मिषा कोसले और जिला आबकारी अधिकारी दीपा आदिल शामिल हैं। सीबीआई का कहना है कि सभी सीधे तौर पर गड़बड़ी और साजिश का हिस्सा रहे।
📌 कैसे हुआ खुलासा
यह केस जुलाई 2024 में छत्तीसगढ़ सरकार की सिफारिश पर सीबीआई ने दर्ज किया था। जांच में सामने आया कि 2020 और 2021 की भर्ती परीक्षाओं में बड़े स्तर पर हेरफेर हुई। अफसरों और चेयरमैन के करीबी रिश्तेदारों को फायदा पहुँचाने के लिए प्रश्नपत्र और मूल्यांकन प्रक्रिया से छेड़छाड़ की गई।
📌 अभ्यर्थियों के सपनों से खिलवाड़
CGPSC 2021 परीक्षा में लगभग 1.29 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे। इनमें से 2548 उम्मीदवारों ने प्री परीक्षा पास की, फिर 509 मुख्य परीक्षा में सफल हुए और 170 का अंतिम चयन हुआ। अब सामने आ रहा है कि इन चयनित उम्मीदवारों में कई धांधली कर पास कराए गए थे। लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ की इस करतूत ने पूरे प्रदेश में गुस्सा और निराशा फैला दी है।
📌 अभी और गिरफ्तारियां संभव
इससे पहले ही तत्कालीन चेयरमैन, डिप्टी कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन और पांच उम्मीदवारों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सभी आरोपी इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। नए पकड़े गए पांच आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा और सीबीआई पुलिस रिमांड की मांग करेगी। एजेंसी ने स्पष्ट किया है कि जांच जारी है और उन उम्मीदवारों की भी भूमिका की पड़ताल की जाएगी, जो धांधली के जरिए चयनित हुए थे।
