छत्तीसगढ़ में सप्ताहांत पर धर्मांतरण के आरोपों को लेकर तनाव गहरा गया। बिलासपुर जिलों में आयोजित प्रार्थना सभाएं देखते ही देखते प्रदर्शन, झड़प और पुलिस कार्रवाई में बदल गईं।
बिलासपुर का मामला:
बिलासपुर के सिपत क्षेत्र में रविवार को ईसाई समुदाय के करीब 300 लोग एक प्रार्थना सभा में जुटे थे। इसी दौरान हिंदू संगठनों ने सभा स्थल के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया और धार्मिक परिवर्तन कराने का आरोप लगाया। विवाद बढ़ा तो पुलिस ने ईसाई समुदाय के सात लोगों पर प्रकरण दर्ज किया। इससे ईसाई समुदाय भड़क उठा और सैकड़ों लोग थाने का घेराव करने पहुंच गए।
वहीं, हिंदू संगठन भी थाने के बाहर डटे रहे और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। करीब 10 घंटे तक दोनों पक्ष नारेबाजी करते रहे, जिससे पूरे इलाके का माहौल तनावपूर्ण बना रहा।
दुर्ग का मामला:
दुर्ग के पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र के जेल रोड स्थित बाफना मंगलम इलाके में एक मकान में प्रार्थना सभा चल रही थी। तभी विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने वहां पहुंचकर सभा का विरोध किया। देखते ही देखते ईसाई समुदाय के लोग भी बड़ी संख्या में जमा हो गए।
इसी दौरान ‘जॉन’ नामक व्यक्ति और बजरंग दल कार्यकर्ताओं के बीच विवाद हिंसक हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जॉन को डंडों से पीटा गया। पुलिस ने तत्काल हस्तक्षेप कर उसे हिरासत में ले लिया।
गिरफ्तारी से भड़का समुदाय:
जॉन की गिरफ्तारी से ईसाई समुदाय और भड़क उठा। बड़ी संख्या में लोग थाने पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने दोनों पक्षों को शहर से दूर पूर गांव थाना ले जाकर शिकायत दर्ज की। यहां भी बहस और नारेबाजी जारी रही। इसी बीच रायपुर से भीम आर्मी के कार्यकर्ता पहुंच गए, जिससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया। अंततः पुलिस ने दोनों पक्षों से एक-एक व्यक्ति को मारपीट और गाली-गलौज के आरोप में गिरफ्तार किया, जिन्हें बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया।
हिंदू संगठनों की मांग और पुलिस की अपील:
बजरंग दल ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है। संगठन की सदस्य ज्योति शर्मा ने आरोप लगाया कि जॉन का पहले भी विवादों से जुड़ाव रहा है और वह विदेशी फंडिंग से गतिविधियां चलाता है। उन्होंने जॉन को जिला बदर करने और उसके बैंक खातों की जांच की मांग की। चेतावनी दी कि अगर मांग पूरी नहीं हुई तो वे आंदोलन करेंगे।
दूसरी ओर, दुर्ग के एएसपी सुखनंदन राठौर ने शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, “हमें प्रार्थना सभा की जानकारी पहले से थी। मौके पर पहुंचने पर दोनों समुदायों के बीच झगड़ा हो गया, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बनी। फिलहाल दोनों पक्षों को समझाइश दी गई है और जांच जारी है।”
ईसाई समुदाय का पक्ष:
ईसाई नेताओं ने धर्मांतरण के आरोपों को सिरे से खारिज किया और कहा कि वे केवल धार्मिक प्रार्थना सभा कर रहे थे।
