दुर्ग, 16 सितम्बर 2025। मानव सेवा और समाज के प्रति समर्पण का उदाहरण पेश करते हुए सुमन बेन ठक्कर (संतराबाड़ी, दुर्ग निवासी) ने देहदान कर समाज के लिए प्रेरणा की राह छोड़ी। लगभग पाँच वर्ष पूर्व उन्होंने नवदृष्टि फाउंडेशन के माध्यम से देहदान का संकल्प लिया था।
हाल ही में स्वास्थ्य खराब होने के चलते उनका नागपुर में इलाज चल रहा था। पाँच दिन पूर्व उनके निधन के बाद परिवार उनकी अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए तत्पर था। समय की कमी को देखते हुए वैद्यकीय अधिष्ठाता डॉ. सजल मित्रा के सुझाव पर परिजनों ने लता मंगेशकर वैद्यकीय संस्थान, नागपुर में देहदान की प्रक्रिया पूरी की।
परिवार की भूमिका:
सुमन बेन की पुत्री सौ. अल्का किशोर पलान, दामाद सीए किशोरभाई पलान, दोहित्र सीए प्रतीक पलान और भतीजे पंकजभाई गढिया ने देहदान की सहमति दी।
अल्का पलान ने कहा –
“माँ के निधन से पूरा परिवार गहरे सदमे में है, लेकिन इस कठिन घड़ी में हमने उनकी इच्छा पूरी की। हमें माँ के इस निर्णय पर गर्व है कि अब उनका शरीर मेडिकल छात्रों के शोध कार्य में काम आएगा।”
पड़ोसियों और समाज का भावनात्मक संदेश:
नवदृष्टि फाउंडेशन के सदस्य कुलवंत भाटिया ने कहा –
“सुमन बेन हमारी पड़ोसी थीं और हमेशा धार्मिक कार्यों व मानव सेवा में जुड़ी रहती थीं। दूसरे प्रदेश में रहते हुए भी परिवार ने उनका देहदान कर समाज को एक मिसाल दी है। यह दिखाता है कि सही इच्छाशक्ति हो तो कोई कार्य असंभव नहीं होता।”

फाउंडेशन की श्रद्धांजलि:
नवदृष्टि फाउंडेशन के अनिल बल्लेवार, राज आढ़तिया, प्रवीण तिवारी, मुकेश आढ़तिया, मंगल अग्रवाल, हरमन दुलई, रितेश जैन, जितेंद्र हासवानी, किरण भंडारी, उज्जवल पींचा, सत्येंद्र राजपूत, सुरेश जैन, राजेश पारख, पीयूष मालवीय, दीपक बंसल, विकास जायसवाल, मुकेश राठी, प्रभु दयाल उजाला, प्रमोद बाघ, सपन जैन, यतीन्द्र चावड़ा, जितेंद्र कारिया, बंसी अग्रवाल, अभिजीत पारख, मोहित अग्रवाल, चेतन जैन, दयाराम टांक, विनोद जैन, राकेश जैन सहित कई लोगों ने सुमन बेन को श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवार को साधुवाद दिया।
सुमन बेन ठक्कर का यह कदम आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा कि जीवन के बाद भी समाज के लिए कुछ दिया जा सकता है।
