लंदन: ब्रिटेन की राजधानी लंदन की सड़कों ने शनिवार को चिंता और तनाव का ऐसा मंजर देखा, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। दक्षिणपंथी कार्यकर्ता टॉमी रॉबिन्सन की अगुवाई में आयोजित ‘यूनाइट द किंगडम’ रैली में करीब 1,10,000 से 1,50,000 लोग शामिल हुए। यह संख्या आयोजकों की उम्मीद से कहीं ज्यादा थी।
रैली में हिस्सा लेने के लिए लोग ट्रेन और कोच से लंदन पहुंचे थे। आयोजकों ने इसे “फ्री स्पीच का उत्सव” बताया, लेकिन व्हाइटहॉल में दिए गए कई भाषणों ने नस्लवादी साजिश सिद्धांत और मुस्लिम विरोधी टिप्पणियां फैलाकर विवाद खड़ा कर दिया।
पुलिस के मुताबिक, रैली के दौरान स्थिति कई बार तनावपूर्ण हुई। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अधिकारियों को मुक्के मारे, लात मारी और बोतलें फेंकी। हालात संभालने के लिए 1,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे, जिनमें से कई को दंगारोधी गियर में भेजना पड़ा।
हालांकि यह रैली बड़ी थी, मगर नवंबर 2023 में हुई फिलिस्तीन समर्थक मार्च जितनी बड़ी नहीं थी, जिसमें करीब 3 लाख लोग शामिल हुए थे।
इसी बीच, ‘स्टैंड अप टू रेसिज्म’ संगठन की ओर से आयोजित ‘मार्च अगेंस्ट फासीज़्म’ में लगभग 5,000 लोगों ने हिस्सा लिया। दोनों रैलियों के बीच का यह अंतर ब्रिटेन में समाज और राजनीति के बदलते स्वरूप को साफ दिखाता है।
