रायपुर। “गुरु वह जो मार्ग दिखाए”— लेकिन छत्तीसगढ़ के सरगुजा-बिलाईगढ़ जिले से आई घटना ने इस कहावत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 10 सितंबर को धरसिव सरकारी हाई स्कूल (बिलाईगढ़ विकासखंड) में दो शिक्षकों के बीच बच्चों के सामने ही हाथापाई हो गई। यह नजारा कक्षा में बैठे छात्रों ने डर के साथ देखा और कुछ तो सहमे हुए बाहर भी भाग गए।
जानकारी के अनुसार, उस दिन कक्षा 8 में शिक्षक मनोज कश्यप पढ़ा रहे थे। इसी दौरान शिक्षक विनीत दुबे देर से पहुंचे और उन्होंने आपत्ति जताई कि यह पीरियड उनका है। बात-बात में बहस इतनी बढ़ गई कि मामला गाली-गलौज से होते हुए मारपीट तक पहुंच गया। देखते ही देखते कक्षा पढ़ाई की जगह अखाड़ा बन गई।
इस पूरे घटनाक्रम की तस्वीरें स्कूल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गईं। वीडियो वायरल होते ही इलाके में शिक्षकों के आचरण पर सवाल उठने लगे।

प्रशासन की कार्रवाई
जिला शिक्षा अधिकारी जे. आर. दाहरिया ने बताया कि घटना की रिपोर्ट संयुक्त संचालक, स्कूल शिक्षा विभाग को भेजी गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षक विनीत दुबे को निलंबित कर दिया गया है, वहीं शिक्षक मनोज कश्यप को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
छात्रों पर असर
घटना से छात्र बेहद भयभीत हो गए। कई अभिभावकों ने चिंता जताते हुए कहा कि “जहां बच्चों को शिक्षा और संस्कार मिलने चाहिए, वहीं शिक्षक आपस में लड़कर गलत उदाहरण पेश कर रहे हैं।”
यह घटना शिक्षा व्यवस्था की छवि पर सवालिया निशान खड़े करती है और इसने दिखा दिया कि अनुशासन सिर्फ छात्रों के लिए ही नहीं, बल्कि शिक्षकों के लिए भी उतना ही जरूरी है।
