दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा ज़िले में गुरुवार सुबह नक्सल विरोधी अभियान के दौरान सीआरपीएफ के जवानों पर बड़ा हमला हुआ। माओवादी गढ़ अबूझमाड़ की सीमा से लगे मलवाही क्षेत्र में लगाए गए प्रेशर आईईडी की चपेट में आकर दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।
सुबह करीब 10:30 बजे सीआरपीएफ की 195वीं बटालियन के सुरक्षाबल पुलिस कैंप से इलाके में ‘एरिया डॉमिनेशन ऑपरेशन’ के लिए निकले थे। इस दौरान बम डिटेक्शन एंड डिस्पोज़ल स्क्वॉड (BDDS) के कांस्टेबल आलम मुनेश (33) स्निफर डॉग के साथ आगे बढ़ रहे थे। उनके पीछे इंस्पेक्टर दिवान सिंह गुर्जर (41) चल रहे थे।
जंगल में सड़क से करीब 50-100 मीटर दूर एक छोटा सतधर पुल है, जिसके पास जमीन में दबे प्रेशर आईईडी पर मुनेश का पैर पड़ गया और जोरदार धमाका हुआ। विस्फोट में उनका बायां पैर बुरी तरह जख्मी हो गया, जिसे बाद में काटना पड़ा। वहीं इंस्पेक्टर गुर्जर के चेहरे और आंख में गंभीर चोटें आईं।
दोनों घायलों को तुरंत एयरलिफ्ट कर रायपुर लाया गया। डॉक्टरों के अनुसार मुनेश का पैर काटना पड़ा, जबकि गुर्जर को आंख की सर्जरी के लिए एम्स दिल्ली शिफ्ट किया जा रहा है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, 2024 से अब तक बस्तर क्षेत्र में 1,000 से अधिक आईईडी बरामद और निष्क्रिय किए गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से पूरी तरह वामपंथी उग्रवाद खत्म करने का लक्ष्य रखा है। पिछले दो वर्षों में 460 से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं, लेकिन इस दौरान 39 सुरक्षाकर्मी और 107 आम नागरिक भी नक्सली हिंसा की भेंट चढ़ चुके हैं।
मलवाही की यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का संघर्ष कितना कठिन और खतरनाक है। घायल जवानों की बहादुरी और त्याग ने इलाके में अभियान को और तेज़ करने का संकल्प मजबूत किया है।
