काठमांडू। नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बनने जा रही सुषिला कार्की (73) का गहरा नाता वाराणसी से रहा है। वर्ष 1975 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से उन्होंने राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की थी। इसी दौरान उनकी मुलाकात उनके जीवनसाथी दुर्गा प्रसाद सुवेदी से हुई, जो आगे चलकर नेपाल के पहले विमान अपहरण की घटना में शामिल रहे।
यह घटना 10 जून 1973 की है, जब नेपाली कांग्रेस के युवा नेताओं ने राजा महेंद्र की पंचायती व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन के लिए धन जुटाने के मकसद से रॉयल नेपाल एयरलाइंस के विमान का अपहरण किया। इस विमान में बॉलीवुड अभिनेत्री माला सिन्हा भी यात्री के रूप में मौजूद थीं। अपहरणकर्ताओं में सुवेदी के साथ नागेंद्र ढुंगेल और बसंता भट्टarai शामिल थे। साजिश के सूत्रधार बाद में नेपाल के प्रधानमंत्री बने गिरिजा प्रसाद कोइराला और सुशील कोइराला थे।
विमान को बिहार के फोर्ब्सगंज हवाई पट्टी पर उतारा गया और फिर अपहरणकर्ता नकदी लेकर जंगल की ओर भाग निकले। घटना के बाद सुवेदी वाराणसी में छिपकर रहे, लेकिन 1975 में भारत में आपातकाल के दौरान गिरफ्तार कर लिए गए। दो साल जेल में रहने के बाद उन्हें नेपाल सौंपा गया।
प्रो. दीपक मलिक, जो बीएचयू के सेवानिवृत्त प्राध्यापक और गांधी अध्ययन संस्थान के पूर्व निदेशक रहे हैं, ने सुषिला कार्की को ईमानदार और निष्पक्ष व्यक्तित्व बताया। उन्होंने कहा, “बीएचयू के दिनों से ही हमारे साथ उनके आत्मीय रिश्ते रहे हैं। नेपाल को एक तटस्थ और ईमानदार नेतृत्व मिलने जा रहा है, यह हमारे लिए गर्व की बात है।”
सुषिला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को विराटनगर में हुआ था। महेंद्र मोरंग कैंपस से स्नातक करने के बाद उन्होंने बीएचयू से एमए और फिर 1978 में त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। 1979 में उन्होंने वकालत शुरू की और 2007 में वरिष्ठ अधिवक्ता बनीं। वर्ष 2010 में वे नेपाल सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश नियुक्त हुईं। 2016 में वे कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहीं और 2017 तक नेपाल की मुख्य न्यायाधीश के पद पर आसीन रहीं।
हाल ही में सीएनएन-न्यूज़18 को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने खुद को “भारत की मित्र” बताया और कहा कि बीएचयू में पढ़ाई के उनके अनुभवों ने भारत के साथ उनके रिश्तों को और गहरा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में उन्होंने कहा कि उनका “अच्छा प्रभाव” है।
नेपाल की राजनीति में निष्पक्षता और भ्रष्टाचार-विरोधी छवि के लिए विख्यात कार्की को आज भी आमजन सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। अब जब वे नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बन रही हैं, तो वाराणसी का जुड़ाव भी इस ऐतिहासिक सफर का हिस्सा बन गया है।
