दुर्ग। शिक्षकीय ज्ञान प्रदान करने से बड़ा पुण्य कार्य कोई नहीं—यह बात स्कूल शिक्षा, विधि एवं विधायी तथा ग्रामोद्योग मंत्री गजेन्द्र यादव ने मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण सम्मान समारोह में कही। उन्होंने कहा कि गुरु का सम्मान वास्तव में जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है।
मंत्री यादव ने बताया कि विभागीय कार्यभार संभालते ही 1122 शिक्षकों के पदोन्नति आदेश जारी किए गए। जल्द ही प्राचार्य और व्याख्याता पदों पर भी पदोन्नति प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ होगी। उन्होंने शिक्षकों को अनुशासन और समर्पण के साथ समाज में आदर्श प्रस्तुत करने की बात कही।
कार्यक्रम में सांसद विजय बघेल ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए गुरुजनों का सम्मान आवश्यक है। इस अवसर पर 15 शिक्षक-शिक्षिकाओं को ज्ञानदीप एवं शिक्षा दूत सम्मान से अलंकृत किया गया। सम्मानित शिक्षकों में दुर्ग, बालोद और कबीरधाम जिले के शिक्षक-शिक्षिकाएँ शामिल रहे। उन्हें शिल्ड और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

समारोह में दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर, महापौर अलका बाघमार, जिला पंचायत अध्यक्ष सरस्वती बंजारे सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी और बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद थे।
