रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियान को लेकर सुरक्षा बलों ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। गरियाबंद जिले के जंगलों में हुई भीषण मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 10 नक्सलियों को मार गिराया। ढेर किए गए नक्सलियों में सबसे बड़ा नाम है केंद्रीय समिति सदस्य और 1 करोड़ रुपये का इनामी मोडेम बालकृष्णा उर्फ मनोज। यह सफलता न सिर्फ सुरक्षा बलों के साहस का प्रमाण है, बल्कि नक्सलियों के लिए करारा झटका भी है।
इसी बीच नारायणपुर जिले में 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। इनमें जनताना सरकार सदस्य, पंचायत मिलिशिया डिप्टी कमांडर, पंचायत सरकार सदस्य और न्याय शाखा अध्यक्ष जैसे जिम्मेदार पदों पर रहे नक्सली भी शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों ने समाज में शांति और विकास के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस दोहरी सफलता पर सुरक्षा बलों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ की कोबरा कमांडो, छत्तीसगढ़ पुलिस और डीआरजी के जवानों ने जो साहस दिखाया है, वह पूरे देश के लिए प्रेरणा है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह घटनाएँ इस बात का सबूत हैं कि नक्सलियों की हिंसक और झूठी विचारधारा अब दम तोड़ रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि विश्वास, विकास और शांति की इस नई यात्रा से ‘नक्सलमुक्त भारत’ का सपना मार्च 2026 तक अवश्य साकार होगा।
स्थानीय ग्रामीणों ने भी इस सफलता पर राहत की सांस ली है। उनका कहना है कि अब उन्हें भयमुक्त होकर जीवन जीने का अवसर मिलेगा।
