बेटियों की उच्च शिक्षा को मिलेगी नई उड़ान, अजीम प्रेमजी स्कॉलरशिप योजना का हुआ शुभारंभ

रायपुर, 10 सितम्बर 2025//
छत्तीसगढ़ की बेटियों के लिए आज एक नया अध्याय जुड़ गया। आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई अधूरी छोड़ने वाली छात्राओं के सपनों को अब पंख मिलेंगे। राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अजीम प्रेमजी स्कॉलरशिप योजना का औपचारिक शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा—
“बेटियाँ जब पढ़ती हैं, तो वे केवल दो परिवारों को ही नहीं, बल्कि पूरी पीढ़ियों को शिक्षित करती हैं। प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी बेटी आर्थिक कारणों से अपनी पढ़ाई बीच में न छोड़े।”

उन्होंने अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस छात्रवृत्ति योजना से प्रदेश की हजारों बेटियों को अपने सपनों को साकार करने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान को आगे बढ़ाने वाला कदम बताया।

कैसे मिलेगा लाभ:
इस योजना का लाभ उन्हीं छात्राओं को मिलेगा जिन्होंने प्रदेश के शासकीय विद्यालयों से 10वीं एवं 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की है। जो छात्राएँ शैक्षणिक सत्र 2025-26 में स्नातक या डिप्लोमा पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में प्रवेश लेंगी, वे पात्र होंगी। आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी, जिसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

छात्रवृत्ति हेतु आवेदन दो चरणों में होंगे—

  • पहला चरण: 10 सितम्बर से 30 सितम्बर 2025
  • दूसरा चरण: 10 जनवरी से 31 जनवरी 2026

आवेदन के लिए छात्राएँ अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की वेबसाइट पर जाकर या क्यूआर कोड स्कैन करके फ़ॉर्म भर सकती हैं। शिकायत या धोखाधड़ी संबंधी जानकारी के लिए ईमेल scholarship@azimpremjifoundation.org पर संपर्क किया जा सकता है।

शुभारंभ समारोह में उपस्थित रहे:
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव, वन मंत्री केदार कश्यप, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, आयुक्त उच्च शिक्षा संतोष देवांगन, तकनीकी शिक्षा संचालक विजय दयाराम के. और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के स्टेट हेड सुनील शाह मौजूद थे।

प्रदेश की एक छात्रा ने बताया, “अब मुझे फीस और खर्चों की चिंता किए बिना आगे पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। यह स्कॉलरशिप हमारे जैसे मध्यम और निम्न आय वर्ग की लड़कियों के लिए वरदान है।”

यह पहल न केवल बेटियों को सशक्त बनाएगी बल्कि छत्तीसगढ़ को उच्च शिक्षा में नए मुकाम की ओर भी ले जाएगी।