बिलासपुर, 10 सितंबर 2025। छत्तीसगढ़ की राजनीति में वोट चोरी का मुद्दा अब गरमा गया है। कांग्रेस ने बिलासपुर में मंगलवार को ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ रैली आयोजित कर केंद्र सरकार पर लोकतंत्र कमजोर करने और सत्ता पाने के लिए वोट चोरी करने का आरोप लगाया। लेकिन इस पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कांग्रेस को ही कठघरे में खड़ा कर दिया।
राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कांग्रेस की रैली को “दोहरा राजनीतिक मापदंड” बताते हुए बड़ा आरोप लगाया। रायपुर सर्किट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने दस्तावेज दिखाए और कहा कि कई लोगों ने गलत जानकारी देकर कवर्धा और रायपुर की विधानसभा सीटों पर दो-दो अलग एपिक नंबर के साथ मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराया है। शर्मा ने कहा कि वे इन मामलों को लेकर न्यायालय भी जाएंगे।
उन्होंने दावा किया कि यह गड़बड़ी पूर्व कांग्रेस सरकार के मंत्री मो. अकबर के इशारे पर हुई थी। शर्मा ने तंज कसा—“कांग्रेस अब वही कहावत चरितार्थ कर रही है कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे।”
रायपुर में एक मकान में 350 मतदाताओं के नाम
उपमुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि राजधानी रायपुर के एक ही मकान में 350 नाम मतदाता सूची में जोड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि जब विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के जरिए मतदाता सूचियों को शुद्ध करने की प्रक्रिया चल रही है, तो कांग्रेस इसका विरोध क्यों कर रही है?
शर्मा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा—“एक तरफ कांग्रेस वोट चोरी रोकने की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर वह मतदाता सूची के शुद्धिकरण की प्रक्रिया का विरोध कर रही है। यह कैसा विरोधाभास है?”
उन्होंने आगे कहा कि यहां तक कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट भी मानते हैं कि वोट चोरी का मुद्दा उठाना असल में अपनी हार का ठीकरा दूसरों पर फोड़ने जैसा है। शर्मा ने कहा कि हार से बचने के लिए नारेबाजी करने के बजाय कांग्रेस को जमीन पर मेहनत करनी चाहिए।
इस पूरे घटनाक्रम ने छत्तीसगढ़ में सियासत को और तेज कर दिया है। एक ओर कांग्रेस इसे लोकतंत्र बचाने की लड़ाई बता रही है, वहीं भाजपा कांग्रेस को ही वोट चोरी का जिम्मेदार ठहरा रही है।
