रायपुर, 9 सितंबर 2025। छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग ने एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य में 10,538 शालाओं का युक्तियुक्तकरण पूरा कर लिया है। इस प्रक्रिया के तहत अब कोई भी विद्यालय शिक्षक-विहीन नहीं रहेगा और एकल-शिक्षकीय विद्यालयों की संख्या में भी उल्लेखनीय कमी आई है।
युक्तियुक्तकरण के तहत एक ही परिसर में संचालित 10,372 शालाओं और समीपवर्ती दूरी पर चल रही 166 शालाओं को मिलाकर शिक्षकों का समायोजन किया गया। इसके परिणामस्वरूप 16,165 शिक्षक एवं प्राचार्य नए स्थानों पर समायोजित हुए हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि “यह कदम न केवल शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करेगा। अब कोई भी बच्चा बिना शिक्षक के कक्षा में नहीं बैठेगा।”
गौरतलब है कि पहले राज्य में 5,936 विद्यालय एकल-शिक्षकीय थे, जबकि युक्तियुक्तकरण के बाद अब केवल 1,207 प्राथमिक शालाएँ ही ऐसी रह गई हैं। शिक्षा विभाग ने इस प्रक्रिया में विषयवार अतिशेष शिक्षकों का चिन्हांकन किया और रिक्त विषय पदों पर उनकी पदस्थापना की।
विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया कि स्थानांतरण प्रक्रिया में शिक्षकों की सेवा पुस्तिका, विषय, विकलांगता और परिवीक्षा अवधि जैसे पहलुओं को ध्यान में रखा जाए। वहीं, कार्यभार ग्रहण करने वाले शिक्षकों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया भी सुचारू रूप से जारी है।
सरकार ने आश्वस्त किया है कि जिन शिक्षकों ने इस प्रक्रिया को लेकर अभ्यावेदन प्रस्तुत किए हैं, उनके मामलों का गंभीरता से परीक्षण किया जा रहा है। न्यायालयीन प्रकरण सहित सभी अभ्यावेदनों का निराकरण शीघ्र ही किया जाएगा।
यह युक्तियुक्तकरण न केवल शिक्षकों की उपलब्धता को संतुलित करेगा, बल्कि बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
