नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भरोसा जताया है कि हाल ही में लागू किए गए ऐतिहासिक GST सुधार से खपत में तेज़ी आएगी और इससे सरकार को होने वाला अनुमानित 48,000 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा स्वतः पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कदम से न केवल आम जनता को राहत मिलेगी बल्कि अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी तेज़ होगी।
सीतारमण ने स्पष्ट किया कि राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, “22 सितंबर से खपत में जो उछाल देखने को मिलेगा, उससे राजस्व की वसूली बढ़ेगी। हमें भरोसा है कि इस साल के भीतर ही हम 48,000 करोड़ रुपये के इस घाटे की भरपाई कर लेंगे। मेरा लक्ष्य 4.4% के राजकोषीय घाटे पर कायम रहेगा।”
केंद्र सरकार ने 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटे का अनुमान 15.69 लाख करोड़ रुपये यानी GDP का 4.4% रखा है।
पिछले हफ्ते GST काउंसिल ने बड़ा फैसला लेते हुए टैक्स ढांचे को सरल कर दिया। अब केवल तीन स्लैब रहेंगे— 5% और 18% सामान्य वस्तुओं के लिए, जबकि पापकर (sin goods) और अति-लक्ज़री वस्तुओं पर 40% टैक्स लगेगा। करीब 400 उत्पाद सस्ते होंगे जिनमें साबुन, कारें, ट्रैक्टर, शैम्पू और एसी जैसे सामान शामिल हैं। वहीं, ब्रेड, दूध और पनीर जैसी ज़रूरी वस्तुओं पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
सीतारमण ने इस सुधार को “जनता का सुधार” बताया। उन्होंने कहा कि यह बदलाव हर परिवार तक राहत पहुंचाएगा। “देश का कोई भी व्यक्ति GST से अछूता नहीं है। सबसे गरीब व्यक्ति भी जो छोटी से छोटी चीज़ खरीदता है, वह GST से प्रभावित होती है। यह सुधार हर किसी की ज़िंदगी को आसान बनाएगा।”
पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 7.8% GDP वृद्धि दर और खेती व सेवाओं के अच्छे प्रदर्शन ने पहले ही अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है। सीतारमण ने संकेत दिए कि इस गति के चलते चालू वित्त वर्ष में GDP वृद्धि दर 6.8% से भी अधिक हो सकती है।
भारत फिलहाल दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है। तुलना में चीन की GDP वृद्धि दर इसी अवधि में 5.2% दर्ज की गई।
