जगदलपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति इस समय एक बड़े विवाद में उलझ गई है। आरोप है कि राज्य के वनमंत्री केदार कश्यप ने लकवाग्रस्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के साथ मारपीट की। घटना शनिवार की शाम जगदलपुर के सर्किट हाउस की बताई जा रही है।
पीड़ित कर्मचारी खितेन्द्र पांडेय, जो बीते 20 वर्षों से सर्किट हाउस में कार्यरत हैं, ने मीडिया के सामने आकर बताया कि जब वे नाश्ता बना रहे थे, तब मंत्री के पीएसओ ने उन्हें बुलाया। खितेन्द्र का दावा है—
“मंत्रीजी ने मुझसे कहा कि तुमने कमरा क्यों नहीं खोला? इसके बाद वे गाली-गलौज करने लगे। उन्होंने जूता उठाया, कॉलर पकड़कर कमरे में ले गए और जमकर पिटाई की। इस दौरान मुझे चोट भी आई। मैं बहुत आहत हूं और इस घटना से बेहद दुखी हूं।”
पीड़ित ने इस मामले में FIR दर्ज करने की मांग की है।
मंत्री केदार कश्यप ने आरोपों को बताया झूठा
इस पूरे विवाद पर मंत्री केदार कश्यप ने बयान जारी कर कहा कि—
“हमारे देवतुल्य कार्यकर्ताओं का अपमान किसी भी परिस्थिति में सहनीय नहीं है। कांग्रेस मुद्दा विहीन हो चुकी है और केवल भ्रामक प्रचार करने में लगी है। जिस तरह की घटना का जिक्र हो रहा है, वैसा कुछ हुआ ही नहीं है।”
कांग्रेस का हमला
घटना के सामने आने के बाद कांग्रेस ने इसे बेहद निंदनीय बताया और बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि—
“भाजपाई सत्ता के नशे में खुद को खुदा समझने लगे हैं। जिस मंत्री पर इस तरह का गंभीर आरोप लगा है, उन्हें पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री को तत्काल उनसे इस्तीफा लेना चाहिए और FIR दर्ज करानी चाहिए।”
राजनीति में नई हलचल
मामले ने प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है। एक ओर पीड़ित कर्मचारी न्याय की गुहार लगा रहा है, तो दूसरी ओर सत्ता और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। यह देखना अहम होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और पीड़ित को न्याय मिलता है या नहीं।
