कोरबा, 06 सितम्बर 2025।
छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। सरकारी मेडिकल कॉलेज, कोरबा में प्रथम वर्ष MBBS के एक छात्र हिमांशु कश्यप (24 वर्ष) ने अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्र का शव शनिवार को उसके कमरे से बरामद हुआ।
📌 घटना का क्रम
जानकारी के अनुसार, हिमांशु सुबह होने वाली परीक्षा में शामिल नहीं हुआ। जब वह परीक्षा कक्ष में नहीं पहुंचा तो उसके सहपाठियों ने चिंता जताई और उसके हॉस्टल रूम में पहुंचे। दरवाजा अंदर से बंद था। काफी आवाज देने के बाद भी जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो छात्रों ने दरवाजा तोड़ा और अंदर का दृश्य देखकर दंग रह गए। हिमांशु का शव पंखे से लटका मिला।
घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई। सिविल लाइन थाना क्षेत्र की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
📌 मिला सुसाइड नोट
पुलिस को कमरे से एक आत्महत्या पत्र भी मिला है। उसमें लिखा था – “मुझसे नहीं हो पाया, आई एम सॉरी पापा।” इस छोटे से वाक्य ने परिवार और सहपाठियों का दिल दहला दिया। पुलिस ने बताया कि यह पत्र हिमांशु ने खुद लिखा है और प्रारंभिक जांच में मामला परीक्षा तनाव और दबाव से जुड़ा प्रतीत हो रहा है।
📌 पिछली परीक्षा में असफल रहा था छात्र
कॉलेज के डीन डॉ. के.के. साहारे ने जानकारी दी कि हिमांशु 2024 की प्रथम वर्ष MBBS परीक्षा में फेल हो गया था और इस वर्ष वह पुनः परीक्षा दे रहा था। संभावना जताई जा रही है कि पढ़ाई में बार-बार कठिनाई और असफलता के डर ने उसे यह चरम कदम उठाने पर मजबूर किया।
📌 पुलिस की कार्रवाई
कोरबा शहर पुलिस अधीक्षक (CSP) भूषण एक्का ने बताया कि मामले में आकस्मिक मृत्यु (AD) रिपोर्ट दर्ज की गई है। फिलहाल जांच जारी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
📌 दर्द और सवाल
इस घटना ने न केवल कॉलेज बल्कि पूरे कोरबा शहर को झकझोर दिया है। सवाल उठ रहे हैं कि मेडिकल जैसे कठिन कोर्स में छात्र लगातार तनाव का सामना करते हैं, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य और काउंसलिंग की पर्याप्त व्यवस्था क्यों नहीं होती। हिमांशु की आखिरी पंक्ति “आई एम सॉरी पापा” यह दर्शाती है कि वह अपने परिवार की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाने से कितना दबाव महसूस कर रहा था।
