रायपुर, 5 सितम्बर 2025।
छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में मानसून ब्रेक के बाद नक्सल विरोधी अभियान तेज कर दिया गया है। इसी कड़ी में आज सुबह दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले की सीमा पर सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। सूत्रों के अनुसार इस मुठभेड़ में अब तक छह नक्सलियों के मारे जाने की खबर है, हालांकि गोलीबारी अभी भी जारी है और संख्या बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन?
पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि खुफिया जानकारी मिली थी कि अबूझमाड़ के जंगल में वरिष्ठ नक्सलियों की एक बड़ी बैठक होने वाली है। जानकारी की पुष्टि के लिए दंतेवाड़ा और नारायणपुर की संयुक्त टीम, जिसमें डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) के जवान शामिल थे, को रवाना किया गया।
सुबह करीब 9 बजे जवानों का सामना नक्सलियों से हुआ और देखते ही देखते दोनों ओर से भीषण गोलीबारी शुरू हो गई। पुलिस बल को आते देख नक्सली जंगल की ओर भागने लगे, लेकिन जवानों ने मोर्चा संभालते हुए उन्हें घेर लिया।
ऑपरेशन की वर्तमान स्थिति
मुठभेड़ अब भी जारी है। सुरक्षा बलों ने इलाके को चारों ओर से घेर रखा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ है। हालांकि, मारे गए नक्सलियों की आधिकारिक संख्या का खुलासा ऑपरेशन के पूरी तरह समाप्त होने के बाद ही होगा।
हालिया घटनाओं से जुड़ा परिप्रेक्ष्य
इससे पहले कोंडागांव जिले के केशकाल थाना क्षेत्र के नालाझार गांव के जंगलों में भी पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। उस मुठभेड़ में नक्सली भाग खड़े हुए थे, लेकिन जवानों ने सर्चिंग के दौरान नक्सली साहित्य और हथियार बरामद किए थे।
डीएसपी नक्सल सतीश भार्गव ने बताया था कि उस मुठभेड़ में जवानों ने नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया था, जिससे नक्सली भागने पर मजबूर हो गए।
मानवीय पहलू
इलाके के ग्रामीणों में भी डर और उत्सुकता का माहौल है। एक ग्रामीण ने कहा—“सुबह से गोलियों की आवाज़ गूंज रही है। बच्चे और महिलाएं सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। हमें उम्मीद है कि इस बार जंगल से नक्सलियों का सफाया होगा।”
सुरक्षा बलों का हौसला
जवानों का मनोबल ऊँचा है और ऑपरेशन को पूरी ताकत से अंजाम दिया जा रहा है। एक अधिकारी ने कहा—“हमारा मकसद है कि बस्तर से नक्सलवाद की जड़ें उखाड़ फेंकी जाएं। इस दिशा में हर संभव प्रयास जारी रहेगा।”
