मुख्यमंत्री ने गोंडी अनुवादक मोबाइल ऐप ‘आदि वाणी’ की सफलता पर दी बधाई, कहा– जनजातीय समाज की आवाज़ पहुँचेगी वैश्विक स्तर तक

रायपुर, 5 सितम्बर 2025।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में ट्रिपल आईटी नया रायपुर के निदेशक प्रोफेसर ओमप्रकाश व्यास ने सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने गोंडी भाषा अनुवादक मोबाइल ऐप ‘आदि वाणी’ परियोजना के सफल लॉन्च पर प्रोफेसर व्यास और उनकी पूरी टीम को हार्दिक बधाई दी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह उपलब्धि केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा—“आदि वाणी ऐप के माध्यम से गोंडी भाषी भाई-बहनों की आवाज़ अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक गूँजेगी। यह तकनीक उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने, शिक्षा और शासन-प्रशासन में उनकी भागीदारी बढ़ाने का सशक्त माध्यम बनेगी।”

मुख्यमंत्री की उम्मीदें

मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि ट्रिपल आईटी नया रायपुर भविष्य में भी ऐसे नवाचार और समाजोन्मुखी अनुसंधान से प्रदेश और देश का गौरव बढ़ाता रहेगा। उन्होंने इस परियोजना को “जनजातीय समाज की भाषा और संस्कृति को डिजिटल युग में सुरक्षित और सशक्त बनाने का ऐतिहासिक कदम” बताया।

प्रोफेसर व्यास की जानकारी

प्रोफेसर ओमप्रकाश व्यास ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि इस परियोजना में गोंडी भाषा के लिए टेक्स्ट-टू-स्पीच और अनुवाद प्रणाली विकसित की गई है। अब गोंडी से हिंदी और अंग्रेज़ी तथा इसके विपरीत अनुवाद संभव है। इस तकनीक को मोबाइल ऐप के रूप में भी उपलब्ध कराया गया है, ताकि आम नागरिक इसे आसानी से उपयोग कर सकें।

उन्होंने बताया कि इस परियोजना में ट्रिपल आईटी नया रायपुर के साथ-साथ आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद और बिट्स पिलानी जैसे देश के प्रतिष्ठित संस्थानों का सहयोग रहा है। इस पहल को भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय का प्रायोजन प्राप्त है।

गोंडी समाज के लिए नई शुरुआत

प्रोफेसर व्यास ने कहा कि इस उपलब्धि से विशेष रूप से बस्तर अंचल के 30 लाख से अधिक गोंडी भाषी लोग लाभान्वित होंगे। अब वे अपनी भाषा और संस्कृति को सुरक्षित रखते हुए डिजिटल प्लेटफार्म पर आत्मविश्वास के साथ अपनी आवाज़ बुलंद कर सकेंगे।

मानवीय पहलू

इस मौके पर गोंडी समुदाय के कुछ प्रतिनिधियों ने कहा—“आज हमें लगता है कि हमारी मातृभाषा की पहचान सिर्फ गाँवों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पूरी दुनिया हमारी बोली को सुनेगी।” एक छात्र ने उत्साहित होकर कहा—“अब हम मोबाइल पर अपनी भाषा को बोलते और पढ़ते देख सकते हैं। यह हमारे लिए गर्व का क्षण है।”