रायपुर, 5 सितम्बर 2025।
शिक्षक दिवस के विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री निवास परिसर आज विज्ञान और उत्साह का केंद्र बना। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने यहाँ से मिशन अंतरिक्ष और प्रोजेक्ट जय विज्ञान अभियान की शुरुआत की। इस मौके पर जिला प्रशासन रायपुर ने दो महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए—पहला, इग्नाइटिंग ड्रीम्स ऑफ यंग माइंड फाउंडेशन के साथ और दूसरा विज्ञान भारती के साथ।
इन समझौतों का मुख्य उद्देश्य स्कूली बच्चों में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति जिज्ञासा जगाना और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना है। कार्यक्रम के दौरान बच्चों के उत्साह का आलम यह था कि वे अंतरिक्ष यात्री बनने और नई खोजों का हिस्सा बनने के सपनों से भरे नजर आए।
मुख्यमंत्री का संबोधन
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा—“विज्ञान केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवन जीने की एक सोच है। यह बच्चों को प्रश्न पूछना, तर्क करना और समस्याओं का समाधान ढूंढना सिखाता है। प्रोजेक्ट जय विज्ञान की कार्यशालाएँ, विज्ञान प्रदर्शनियाँ और नवाचारी परियोजनाएँ बच्चों में आत्मविश्वास और रचनात्मकता बढ़ाएँगी।”
उन्होंने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के बेटे और अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को सफल अंतरिक्ष यात्रा के लिए बधाई दी और कहा कि वे बच्चों के लिए प्रेरणा हैं। मुख्यमंत्री ने बच्चों से आह्वान किया कि वे शुक्ला से प्रेरणा लेकर अपने सपनों को नई ऊँचाइयों तक ले जाएँ।

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का संदेश
ग्रुप कैप्टन श्री शुभांशु शुक्ला ने भावुक शब्दों में कहा—“देश ने मुझे जो अवसर दिया है, उसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना मेरी जिम्मेदारी है। यह गर्व की बात है कि छत्तीसगढ़ में विज्ञान और शिक्षा को इतना महत्व दिया जा रहा है। जब राज्य का नेतृत्व विज्ञान-आधारित पहल को प्राथमिकता देता है, तो इसका असर आने वाले समय पर साफ दिखाई देगा।”
मानवीय पहलू
समारोह में बैठे बच्चों की आँखों में चमक और उत्सुकता साफ झलक रही थी। एक छात्रा ने कहा—“आज पहली बार हमें अंतरिक्ष वैज्ञानिकों से सीधे जुड़ने और अंतरिक्ष की बातें सीखने का मौका मिला। अब लगता है कि यह सपना हमारे लिए भी संभव है।”
विशेष उपस्थिति
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव, रायपुर कलेक्टर श्री गौरव कुमार सिंह, प्रदेशभर से आए शिक्षक और सैकड़ों विद्यार्थी मौजूद रहे।
कार्यक्रम ने स्पष्ट संदेश दिया कि छत्तीसगढ़ का भविष्य विज्ञान और नवाचार की नई दिशा में आगे बढ़ रहा है, और यहाँ के बच्चे केवल ज्ञान के उपभोक्ता नहीं बल्कि आने वाले समय में नए विचारों और खोजों के सृजनकर्ता बनेंगे।
