रायपुर, 5 सितम्बर 2025।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य पुलिस ने खुलासा किया कि इस वर्ष अब तक 193 लोगों से 211 चाकू जब्त किए जा चुके हैं। ये चाकू उन लोगों से बरामद हुए जिन्हें ई-कॉमर्स कंपनियों—अमेज़न, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील और शॉपक्लूज़—के जरिए खरीदे गए उत्पादों की जानकारी मिलने के बाद नोटिस भेजे गए थे।
दरअसल, हाईकोर्ट ने पिछले महीने एक समाचार रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान (suo motu cognizance) लिया था, जिसमें बताया गया था कि पान दुकानों, गिफ्ट शॉप्स और जनरल स्टोर्स पर खुलेआम चाकू बेचे जा रहे हैं। इसके कारण शहरों और कस्बों में चाकूबाज़ी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही थीं।
पुलिस ने कोर्ट को बताया कि वे लगातार ई-कॉमर्स वेबसाइट्स से ग्राहकों की सूची मांग रहे हैं, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किन लोगों ने रसोई में इस्तेमाल होने वाले सामान्य चाकुओं के अलावा खतरनाक चाकू खरीदे हैं। जानकारी मिलने के बाद नोटिस जारी किए गए और चाकू जब्त किए गए।
हाईकोर्ट को यह भी बताया गया कि साल 2024 में कुल 1,399 केस आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज हुए थे, वहीं इस साल जनवरी से जून तक ही 677 केस दर्ज हो चुके हैं। यह आँकड़े समाज में बढ़ते खतरे का संकेत दे रहे हैं।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने कहा कि आँकड़े चिंताजनक तस्वीर पेश कर रहे हैं, हालांकि राज्य सरकार और उसकी एजेंसियां इस दिशा में गंभीर प्रयास करती दिख रही हैं। अदालत ने भरोसा जताया कि पुलिस और प्रशासन और अधिक सतर्क रहेंगे ताकि इस तरह के खतरनाक हथियार बाजारों और ऑनलाइन प्लेटफार्म पर आसानी से न बिकें।
मानवीय पहलू
शहरों में आम लोगों की चिंता बढ़ गई है। एक कॉलेज छात्रा ने कहा, “आजकल छोटे-मोटे विवाद भी चाकू से निपटाए जा रहे हैं। हमें डर लगता है कि कहीं किसी दिन मामूली बहस भी जानलेवा न बन जाए।” वहीं एक दुकानदार ने राहत की सांस लेते हुए कहा, “पुलिस की यह कार्रवाई सही दिशा में कदम है, वरना मोहल्ले में हर दूसरे हाथ में धारदार चाकू दिखने लगे थे।”
अब यह मामला 22 सितम्बर को फिर से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। तब तक कोर्ट पुलिस की कार्रवाई पर और नज़र रखेगा।
