बीजिंग, 5 सितम्बर 2025।
उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन की चीन यात्रा ने एशियाई राजनीति के समीकरणों को फिर से जीवित कर दिया है। बीजिंग में गुरुवार को किम और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के दौरान दोनों देशों ने “रणनीतिक सहयोग और अटूट मित्रता” की नई गवाही दी।
उत्तर कोरियाई मीडिया केसीएनए ने बताया कि किम ने राष्ट्रपति शी को भरोसा दिलाया कि उत्तर कोरिया हर परिस्थिति में चीन की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और विकास हितों की रक्षा में साथ खड़ा रहेगा। किम ने कहा—
“अंतरराष्ट्रीय हालात चाहे जैसे बदलें, चीन और उत्तर कोरिया की दोस्ती कभी नहीं बदल सकती।”
बैठक के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने किम जोंग उन को “अच्छे पड़ोसी, अच्छे मित्र और अच्छे साथी” बताते हुए कहा कि दोनों देशों की तक़दीर एक है। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर साझा हितों की रक्षा, उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल यात्राओं को बढ़ाने और रणनीतिक संवाद को और गहरा करने पर सहमति जताई।
किम जोंग उन गुरुवार को बीजिंग से रवाना हुए। उन्हें विदा करने के लिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता काई ची और विदेश मंत्री वांग यी एयरपोर्ट पर मौजूद थे।
केसीएनए ने इसे “ऐतिहासिक अवसर” बताया जिसने डीपीआरके-चीन (उत्तर कोरिया-चीन) संबंधों की स्थिरता और मज़बूती को साबित किया, जो हर तरह की चुनौतियों और कठिनाइयों को पार कर चुके हैं।
इसी बीच, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उत्तर कोरिया के स्थापना दिवस पर किम जोंग उन को बधाई संदेश भेजा। पुतिन ने लिखा—
“आपकी सैन्य टुकड़ियों का कुर्स्क क्षेत्रों की मुक्ति में वीरतापूर्ण योगदान रूस और उत्तर कोरिया की मित्रता और परस्पर सहयोग का प्रतीक है।”
पुतिन ने आगे विश्वास जताया कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच “व्यापक रणनीतिक साझेदारी” और मजबूत होगी।
उल्लेखनीय है कि उत्तर कोरिया पहले ही रूस को सैनिक, तोपखाने के गोले और मिसाइलें भेजकर यूक्रेन युद्ध में सहयोग कर चुका है। बीजिंग में पुतिन से मुलाकात के दौरान किम ने रूस की सेना को “भ्रातृ धर्म” के नाते पूरा समर्थन देने की घोषणा भी की थी।
यह घटनाक्रम संकेत देता है कि एशिया की राजनीति में चीन, रूस और उत्तर कोरिया का गठजोड़ गहरा रहा है, जो वैश्विक शक्ति समीकरणों में नई दिशा तय कर सकता है।
