बजरंग दल पर आरोपों को लेकर ब्रिंदा करात ने उठाए सवाल, आदिवासी महिलाओं की शिकायत पर महिला आयोग की कार्यप्रणाली पर असंतोष

रायपुर, 04 सितम्बर 2025।
भाकपा (माकपा) की वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद ब्रिंदा करात ने छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आयोग को लिखे एक पत्र में नारायणपुर की आदिवासी महिलाओं द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के निपटारे में बरती गई लापरवाही और पक्षपातपूर्ण रवैये पर चिंता व्यक्त की है।

इन आदिवासी महिलाओं ने बजरंग दल के सदस्यों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। महिलाएँ ननों प्रीति मेरी और वंदना फ्रांसिस के साथ थीं, जिन पर जबरन धर्म परिवर्तन और मानव तस्करी के आरोप लगाए गए। शिकायत दर्ज कराने आई महिलाओं को राहत मिलने के बजाय स्वयं कठघरे में खड़ा कर दिया गया।

ब्रिंदा करात ने अपने पत्र में लिखा कि आयोग द्वारा पूछे गए सवाल इस तरह के थे मानो महिलाएँ स्वयं ही दोषी हों। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वीडियो साक्ष्य मौजूद होने के बावजूद अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई

उन्होंने महिला आयोग से निष्पक्षता बरतने और तत्काल प्रभाव से आरोपियों के खिलाफ औपचारिक कार्रवाई करने की मांग की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ित महिलाएँ आर्थिक और सामाजिक रूप से बेहद कमजोर हैं, ऐसे में आयोग की जिम्मेदारी है कि वे उनके पक्ष में खड़े हों।

करात ने दोषी पुलिस अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि आयोग पीड़िताओं की मदद नहीं करेगा तो इससे आदिवासी महिलाओं का भरोसा संस्थाओं से उठ जाएगा।

इस घटनाक्रम के बाद राज्य की राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इस मामले को लेकर नई बहस छिड़ गई है।