स्वास्थ्य मंत्री की पहल से 11 वर्षीय शांभवी को मिला जीवनदान, रायपुर में होगा निःशुल्क इलाज

रायपुर, 03 सितम्बर 2025।
बीजापुर जिले के भोपालपटनम ब्लॉक के वरदली गांव की 7वीं कक्षा में पढ़ने वाली 11 वर्षीय शांभवी गुरला के मासूम सवाल ने उसके पिता को कई बार नि:शब्द कर दिया था— “पापा, मुझे क्या हुआ है, मैं ठीक हो जाऊंगी ना?”

खेतों में मेहनत करके परिवार का गुजारा करने वाले उसके पिता के लिए यह सवाल किसी पहाड़ से कम नहीं था। करीब तीन महीने पहले जिला अस्पताल बीजापुर में डॉक्टरों ने बताया कि शांभवी को रियूमेटिक हार्ट डिजीज (RHD) है। रायपुर जाकर इलाज कराने की सलाह दी गई, लेकिन खर्च का डर पूरे परिवार की उम्मीदों को तोड़ रहा था। घर का माहौल चिंता और आंसुओं से भरा हुआ था।

शांभवी की मां हर रोज उसे सीने से लगाकर कहतीं— “बेटा, सब ठीक होगा।” लेकिन पिता की आंखों में चिंता साफ झलकती थी। आखिरकार, उन्होंने हिम्मत जुटाई और अपनी बच्ची को लेकर सीधे स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के पास पहुंचे।

मंत्री ने शांभवी से मुलाकात की और तुरंत रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट (ACI) के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. स्मित श्रीवास्तव से बात की। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए— “इलाज तुरंत शुरू किया जाए। खर्च की चिंता मत करें, सरकार पूरी जिम्मेदारी लेगी।”

मंत्री के इन शब्दों को सुनते ही शांभवी की मां की आंखों से आंसू बह निकले। कांपती आवाज़ में उन्होंने कहा— “मंत्री जी, आप हमारी बेटी को नया जीवन दे रहे हैं। आप हमारे लिए किसी डॉक्टर से कम नहीं।”

अब शांभवी को रायपुर लाया गया है। एसीआई में डॉक्टरों की टीम उसकी जांच कर रही है और इलाज की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस कदम से बच्ची के साथ-साथ पूरे परिवार की जिंदगी में उम्मीद की नई किरण जागी है।

आज शांभवी पिता से हंसते हुए पूछती है— “पापा, मैं जल्दी खेल पाऊंगी ना?” और इस बार पिता की आंखों में चिंता नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और खुशी की चमक है।

यह सिर्फ एक बच्ची का इलाज नहीं, बल्कि गरीब परिवारों के लिए सरकार का भरोसा है कि किसी की जिंदगी सिर्फ पैसों की कमी के कारण अधूरी नहीं रहेगी।