रायपुर, 2 सितम्बर 2025।
छत्तीसगढ़ में सरकारी अस्पतालों को घटिया गुणवत्ता की दवाएँ सप्लाई करने का मामला फिर से सुर्खियों में है। इस बार आरोप सीधे तौर पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और विभागीय अधिकारियों की ओर उठ रहे हैं।
दावा किया गया है कि महासमुंद की एक विवादित दवा कंपनी 9m इंडिया को 23 प्रकार की दवाओं की सप्लाई का ठेका दिया गया है। यह वही कंपनी है, जिस पर पहले भी अमानक दवाएँ उपलब्ध कराने के आरोप लग चुके हैं।
tender प्रक्रिया पर सवाल
सीजीएमएससी (CGMSC) के टेंडर क्रमांक 164 के अंतर्गत कुल 34 दवाओं की स्वीकृति मिली, जिनमें से 23 दवाओं का ठेका केवल 9m इंडिया को दिया गया। सवाल यह है कि जो कंपनी ब्लैकलिस्ट होने की कगार पर थी, वही अब सरकारी अस्पतालों को दवाएँ सप्लाई करने की जिम्मेदारी कैसे पा गई?
जनता की सुरक्षा पर चिंता
“जिस कंपनी को अब तक ब्लैकलिस्ट होना चाहिए था, उसके संचालकों को जेल में होना चाहिए था। लेकिन आज उनका कारोबार और बढ़ रहा है।”
लेखक ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से अपील करते हुए कहा कि यह केवल व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ की जनता के जीवन-मरण से जुड़ा सवाल है। उन्होंने जनता से भी साथ आने की अपील की और चेतावनी दी कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आम नागरिकों की जान को गंभीर खतरा हो सकता है।
जनता की आवाज बनता मुद्दा
यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकारी अस्पतालों में भर्ती गरीब मरीजों की जान की कोई कीमत नहीं है?
कई लोगों का मानना है कि यदि सरकार ने इस मामले में पारदर्शी जांच नहीं कराई तो यह मुद्दा आने वाले समय में बड़ा जनआंदोलन बन सकता है।



निष्कर्ष
जनता की अपेक्षा अब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से है कि वे इस गंभीर मामले की उच्चस्तरीय जांच कराएँ और दोषी अधिकारियों एवं कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें।
