गरियाबंद, 1 सितम्बर 2025।
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला मुख्यालय स्थित संयुक्त जिला कार्यालय में सोमवार की सुबह का नजारा कुछ अलग ही था। ठीक 10 बजे के बाद कलेक्टर भगवान दास उइके के निर्देश पर दफ्तर का गेट बंद कर दिया गया। इस दौरान कई अधिकारी और कर्मचारी गेट के बाहर ही खड़े रह गए। बाद में उन्हें समझाइश दी गई कि समय पर पहुंचना अब अनिवार्य होगा।
कलेक्टर ने बताया कि लंबे समय से कर्मचारियों और अधिकारियों के देर से आने की शिकायतें मिल रही थीं। कई बार मौखिक चेतावनी और नोटिस जारी किए जाने के बावजूद स्थिति जस की तस रही। आखिरकार कार्यसंस्कृति को सुधारने और कार्यालय के कामकाज को समयबद्ध करने के लिए यह सख्त कदम उठाना पड़ा।
सूत्रों के अनुसार, कलेक्टर ने पहले भी बाहर से आने वाले अधिकारियों को गरियाबंद में ही निवास करने का निर्देश दिया था, लेकिन समयपालन को लेकर लापरवाही जारी रही। अचानक लिए गए इस फैसले से कई कर्मचारी हैरान रह गए और गेट के बाहर आपस में चर्चा करते दिखे।
इस व्यवस्था का स्वागत आम नागरिकों ने भी किया। उनका कहना था कि देर से दफ्तर खुलने की वजह से अक्सर उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ता था। अब समय पर उपस्थिति से जनता को सीधा लाभ मिलेगा। कलेक्टर ने संकेत दिए हैं कि यह नियम आगे भी सख्ती से लागू रहेगा और समय की अनदेखी करने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
