दुर्ग। गयानगर दुर्ग निवासी डॉ. श्री प्रकाश चंद पारख (सुपुत्र स्व. भवर लाल जी पारख) के निधन के उपरांत पारख परिवार ने समाज सेवा का महान उदाहरण प्रस्तुत करते हुए उनका नेत्रदान किया। इस पुनीत कार्य से दो परिवारों को नेत्रज्योति मिली और उनके अंधकारमय जीवन में उजाला हो गया।
डॉ. प्रकाश चंद पारख की पत्नी श्रीमती जयंती देवी, पुत्र डॉ. गौरव पारख, पुत्री सोनिया जैन, बहु मनीषा जैन और पौत्र गर्वित ने नेत्रदान के लिए सहमति दी। इस प्रक्रिया में नवदृष्टि फाउंडेशन के सदस्य कुलवंत भाटिया, हरमन दुलई, सत्येंद्र राजपूत और प्रभुदयाल उजाला ने सहयोग किया।
श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज के डॉ. संदीप बाचकर, डॉ. उत्कर्ष बंसल, नेत्र सहायक विवेक कसार और निवेश रावते ने कॉर्निया कलेक्ट कर नेत्रदान की प्रक्रिया पूर्ण की।

डॉ. गौरव पारख ने भावुक होकर कहा, “आज पापा के जाने से पूरा परिवार सदमे में है, लेकिन डॉक्टर होने के नाते हमने नेत्रदान के महत्व को समझा और समाज को भी यह संदेश देना चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोग नेत्रदान के लिए आगे आएं।”
नवदृष्टि फाउंडेशन के सदस्य सत्येंद्र राजपूत ने कहा कि डॉ. प्रकाश चंद पारख जीवनभर समाज सेवा में अग्रणी रहे और निधन के बाद भी उन्होंने दो लोगों के जीवन को रोशनी देकर अमर उदाहरण प्रस्तुत किया। वहीं हरमन दुलई ने कहा कि संस्था लगातार लोगों को नेत्रदान, देहदान और रक्तदान हेतु जागरूक कर रही है। भविष्य में कोई भी व्यक्ति जानकारी प्राप्त करना चाहे तो संस्था से या मोबाइल नंबर 9826156000 / 8839324601 पर संपर्क कर सकता है।
नवदृष्टि फाउंडेशन के अनिल बल्लेवार, कुलवंत भाटिया, प्रवीण तिवारी, मुकेश राठी, हरमन दुलई, रितेश जैन, जितेंद्र हासवानी, किरण भंडारी, उज्जवल पींचा, सत्येंद्र राजपूत, सुरेश जैन, राजेश पारख सहित अनेक समाजसेवियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की और पारख परिवार को साधुवाद दिया।
