बीजापुर, 30 अगस्त 2025।
छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ जंगलों में चलाए गए विशेष अभियान के दौरान सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है। जिला रिजर्व गार्ड (DRG), स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) की संयुक्त कार्रवाई में हथियारों और गोला-बारूद का विशाल जखीरा बरामद किया गया।
नारायणपुर एसपी रॉबिनसन गुरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि 24 अगस्त को यह ऑपरेशन चलाया गया था। जांच में पता चला कि कई आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली हथियारों को अलग-अलग जगहों पर छिपाकर रखते थे। सुरक्षा बलों ने तलाशी में 4–5 स्थानों से इन हथियारों को बरामद किया।
समानांतर घटनाएं और आत्मसमर्पण
इसी सप्ताह बुधवार को बीजापुर जिले में 30 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इसे राज्य सरकार की पुनर्वास नीति, सुरक्षा बलों के प्रयास और चल रहे विकास कार्यों की बड़ी सफलता बताया। उन्होंने नक्सलियों से हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील भी की।
इससे पहले 17 अगस्त को गरियाबंद पुलिस को भी अहम सफलता मिली थी, जब 4 कुख्यात नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि “नक्सली संगठन से जुड़े युवा अब हिंसा का रास्ता छोड़ना चाहते हैं, लेकिन उन्हें बंदी बनाकर रखा जाता है। यह आत्मसमर्पण सुरक्षा बलों और प्रदेश के लिए बड़ी जीत है।” इन नक्सलियों पर कुल 19 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
स्थानीय प्रतिक्रिया और संदेश
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुलिस द्वारा सम्मानित भी किया गया। ग्रामीण इलाकों में इसे सकारात्मक संकेत माना जा रहा है कि अब नक्सली खुद भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ना चाहते हैं। सुरक्षा बलों के अभियान और राज्य सरकार की पुनर्वास नीति ने बस्तर सहित पूरे प्रदेश में नई उम्मीद जगाई है।
