रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शुक्रवार को नीति आयोग द्वारा “Fostering Mentorship in Education: A Pathway to Equity” विषय पर राष्ट्रीय परामर्श कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला का उद्देश्य था—राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की भावना को धरातल पर उतारते हुए शिक्षा को अधिक न्यायपूर्ण, समावेशी और अवसरों से भरपूर बनाना।

कार्यशाला में देशभर के विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और शिक्षाविदों ने हिस्सा लिया। सभी ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा में मेंटरशिप ही वह कुंजी है, जो युवाओं को न केवल आत्मविश्वास और दिशा देगी, बल्कि ड्रॉपआउट दर को भी घटाएगी।
“मेंटॉरशिप युवाओं को सशक्त करने की कुंजी है” – ओ. पी. चौधरी
विशेष अतिथि और छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा—
“मैंने गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। 17 वर्षों की औपचारिक शिक्षा के बाद भी बहुत से युवाओं को यह स्पष्ट नहीं होता कि आगे क्या करना है। कैरियर गाइडेंस और मेंटरशिप इस कमी को दूर कर सकती है।”
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की औसत आयु 24 वर्ष है, जो देश की औसत आयु (28 वर्ष) से कम है। यह हमारी जनसांख्यिकीय ताकत है। अगर युवाओं को शिक्षा और कौशल से जोड़ दिया जाए, तो वे विकसित भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
“हर बच्चे को मेंटरशिप मिलना उसका अधिकार है” – डॉ. वी. के. पॉल
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल ने आंकड़ों के साथ ड्रॉपआउट की गंभीरता को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्कूलों में 93% नामांकन के बावजूद केवल 56% छात्र सेकेंडरी स्तर तक पहुंच पाते हैं और 12वीं तक यह संख्या घटकर 23% रह जाती है।

डॉ. पॉल ने कहा—
“2019 से 2023 के बीच 15,000 ओबीसी, एससी और एसटी छात्रों ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों से पढ़ाई छोड़ी। यह न केवल व्यक्तिगत बल्कि राष्ट्रीय क्षति भी है। हमें ऐसा वातावरण बनाना होगा जहां हर बच्चे को मेंटरशिप और आत्मविश्वास मिल सके। यह उनका मानवाधिकार है।”
उन्होंने नशा, सामाजिक विषाक्त माहौल और शिक्षकों के पुराने दृष्टिकोण को ड्रॉपआउट का बड़ा कारण बताते हुए कहा कि अब शिक्षा को तकनीक और व्यक्तिगत मार्गदर्शन से जोड़ना होगा।
कार्यशाला में उपस्थित रहे
इस अवसर पर योजना विभाग के सचिव अंकित आनंद, नीति आयोग के संयुक्त सचिव के. एस. रेजिमोन, नीति आयोग के फेलो डॉ. आई. वी. सुब्बा राव (सेवानिवृत्त IAS), राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. पंकज अरोड़ा, और नीति आयोग के उप सचिव अरविंद कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
