भारत-जापान साथ मिलकर बनाएंगे सेमीकंडक्टर और एलसीडी, चीन पर निर्भरता घटाने की तैयारी

नई दिल्ली, 28 अगस्त 2025।
भारत और जापान ने मिलकर एक बड़ा आर्थिक सुरक्षा कदम उठाया है। दोनों देशों ने तय किया है कि पुरानी लेकिन अहम तकनीकों — जैसे लेगेसी सेमीकंडक्टर और एलसीडी स्क्रीन — का उत्पादन अब भारत में स्थानांतरित किया जाएगा। यह पहल चीन पर बढ़ती निर्भरता कम करने और प्रौद्योगिकी आपूर्ति श्रृंखला को विविध बनाने के उद्देश्य से शुरू की जा रही है।

जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (JETRO) और भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा तैयार विस्तृत योजना का अनावरण गुरुवार को किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अगस्त से जापान यात्रा पर होंगे, जहां उनके समकक्ष शिगेरु इशिबा के साथ होने वाली शिखर बैठक में इस साझेदारी पर औपचारिक सहमति बनने की संभावना है।

यह उत्पादन हस्तांतरण केवल सेमीकंडक्टर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें एलसीडी डिस्प्ले, सौर ऊर्जा उपकरण, स्टोरेज बैटरी और कंप्रेसर जैसे क्षेत्र भी शामिल होंगे। जापानी कंपनियों ने इस दिशा में कदम उठाने शुरू भी कर दिए हैं। एक जापानी स्टोरेज बैटरी कंपनी जल्द ही भारतीय साझेदार के साथ समझौता करने जा रही है, वहीं तमिलनाडु में एक जापानी इलेक्ट्रिकल मशीनरी निर्माता ने कंप्रेसर प्लांट का निर्माण भी शुरू कर दिया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम जापान को कम लागत पर प्रतिस्पर्धा बनाए रखने और भारत को निर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद करेगा। भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग अभी भी चीन से आयात पर काफी निर्भर है। ऐसे में जापान के साथ साझेदारी भारत को एक विकल्पीय विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित कर सकती है।

भारत की ओर से यह कदम प्रधानमंत्री मोदी की मेक इन इंडिया और मैन्युफैक्चरिंग आत्मनिर्भरता की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। वहीं, जापान के लिए यह व्यवस्था ऐसे समय में अहम है जब चीन के कम दाम वाले उत्पाद उसके पारंपरिक बाजार को कमजोर कर रहे हैं।

यह साझेदारी न केवल तकनीकी सहयोग को मजबूती देगी, बल्कि अनुसंधान, नवाचार और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी। ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में इसका असर देखा जा सकेगा, जहाँ लागत-प्रतिस्पर्धी भारतीय कार्यबल जापानी तकनीकी दक्षता से जुड़कर एक नया औद्योगिक मॉडल तैयार करेगा।