गडचिरोली में बाढ़ का कहर: 80 गाँवों का संपर्क टूटा, एसडीआरएफ ने गर्भवती महिला को बचाया, बेटी को जन्म

रायपुर, 28 अगस्त 2025। छत्तीसगढ़ में हो रही मूसलाधार बारिश ने पड़ोसी महाराष्ट्र के गडचिरोली जिले में भी भारी तबाही मचा दी है। भामरागढ़ तहसील के लगभग 80 गाँव बाहरी दुनिया से कट गए हैं, क्योंकि इंद्रावती नदी और उसकी सहायक नदियाँ उफान पर हैं। परलकोटा और पामुलगौतम नदियों पर बने पुल डूब जाने से आवागमन ठप हो गया है।

इस बीच बुधवार तड़के एक मानवीय साहसिक घटना सामने आई। भामरागढ़ के दूरस्थ हिंदेवाड़ा गाँव की गर्भवती महिला अर्चना तिम्मा प्रसव पीड़ा में फँसी हुई थीं। जैसे ही जिला कलेक्टर अविश्यंत पांडा को सूचना मिली, उन्होंने तुरंत एसडीआरएफ की टीम को सिरोंचा से भामरागढ़ भेजा। रातभर नदी के उफान और अंधेरे से जूझते हुए टीम ने सुबह करीब 4 बजे नाव से अर्चना को सुरक्षित निकाला और ग्रामीण अस्पताल पहुँचाया। वहाँ उन्होंने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया।

तहसीलदार किशोर बगड़े ने बताया, “टीम ने जान जोखिम में डालकर अंधेरे में यह रेस्क्यू किया। माँ और बच्ची दोनों सुरक्षित हैं।”

भामरागढ़ इस मानसून सीजन में चौथी बार जिला मुख्यालय से कट गया है। परलकोटा नदी का पुल डूब जाने से अहेरी-भामरागढ़ मार्ग पर यातायात बंद है। लगातार बारिश से हालात और बिगड़ने की आशंका है।

प्रशासन ने राहत कार्यों को तेज किया है। अब तक लगभग 35 दुकानें और घर जलमग्न हो चुके हैं। प्रभावित परिवारों को स्कूलों और सामुदायिक भवनों में बनाए गए सुरक्षित शिविरों में पहुँचाया जा रहा है। कलेक्टर पांडा खुद राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और प्रभावित गाँवों में भोजन, पानी और दवाइयाँ पहुँचाई जा रही हैं।

26 अगस्त की रात को अचानक पानी बढ़ने से भामरागढ़ का मुख्यालय भी जलमग्न हो गया था, जिससे लोगों में दहशत फैल गई थी। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार काम कर रही हैं, लेकिन तेज बारिश से राहत कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

स्थानीय लोगों और नेताओं ने प्रशासन से लंबी अवधि के समाधान जैसे ऊँचे पुल और बेहतर बाढ़ प्रबंधन प्रणाली की माँग की है, ताकि हर साल आने वाली इस मुसीबत से राहत मिल सके।