संसद मानसून सत्र में दो बड़े राजनीतिक सरप्राइज: उपराष्ट्रपति इस्तीफा और 130वां संविधान संशोधन प्रस्ताव

नई दिल्ली, 27 अगस्त 2025। संसद के मानसून सत्र के दौरान देश में राजनीतिक परिदृश्य में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। इस सत्र की शुरुआत प्रधानमंत्री के संसद पहुंचने पर सत्तापक्ष के सांसदों द्वारा जोरदार स्वागत से हुई, जबकि सत्र के अंत में विपक्ष ने प्रधानमंत्री को ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ के नारों से अभिव्यक्त किया।

पहला बड़ा सरप्राइज:
सत्र की शुरुआत में ही राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक इस्तीफा दे दिया। इस अचानक कदम ने राजनीतिक विश्लेषकों को हैरान कर दिया। इस्तीफे के पीछे सत्तापक्ष और शीर्ष नेतृत्व से नाराजगी को मुख्य कारण माना जा रहा है। इस्तीफा देने के बाद धनखड़ सार्वजनिक परिदृश्य से गायब हो गए, जिससे यह रहस्य और गहरा हो गया।

दूसरा बड़ा सरप्राइज:
सत्र के अंत में, लोकसभा में विपक्ष और सत्तापक्ष को चौंकाते हुए 130वां संविधान संशोधन प्रस्ताव पेश किया गया। यह संशोधन प्रस्ताव कहता है कि पांच साल या उससे अधिक सजा वाले अपराधियों, चाहे वे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या केंद्रीय/राज्य मंत्री हों, अगर उन्हें बिना जमानत के एक महीना जेल में बिताना पड़े, तो उनका पद स्वतः समाप्त हो जाएगा। इस प्रस्ताव को विपक्ष के विरोध के बावजूद संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया।

विश्लेषकों का मानना है कि इस संशोधन के जरिए सरकार असुविधाजनक विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने और उन्हें दबाव में लाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, यह संशोधन केवल दिखावे के तौर पर लागू किया जा रहा है, क्योंकि इसका असर केवल विपक्ष पर ही नहीं बल्कि सत्तापक्ष के नेताओं पर भी होगा।

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि मोदी सरकार इन प्रस्तावों के माध्यम से विपक्षी राज्यों में चुनावी रणनीति को भी प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। इस बीच, विपक्ष ने ‘वोट बचाओ यात्रा’ के जरिए बिहार में वोटर सूची और वोट चोरी के मुद्दों को और अधिक प्रमुखता से उठाया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इन तरह के संविधान संशोधनों का उद्देश्य केवल तत्काल राजनीतिक लाभ नहीं बल्कि संविधान के बुनियादी लोकतांत्रिक ढांचे में क्रमिक बदलाव करना भी है। सत्ताधारी पार्टी ने भले ही इसे पारदर्शिता और शुचिता के लिए पेश किया हो, लेकिन जनता और विपक्ष इसे राजनीतिक दबाव और रणनीतिक कदम के रूप में देख रहे हैं।