रायपुर, 24 अगस्त 2025। राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम आज छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति और नारी शक्ति के उत्साह से सराबोर हो गया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के ‘नेवता’ पर आयोजित तीजा-पोरा तिहार और महिला सम्मेलन में हजारों की संख्या में माताएँ-बहनें शामिल हुईं।
कार्यक्रम की शुरुआत शिव-पार्वती और नंदी की पूजा-अर्चना से हुई। मंचीय कार्यक्रमों और लोक प्रस्तुतियों ने पूरे माहौल को उत्सवमय बना दिया।
मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने माताओं-बहनों को तीजा पर्व की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि “तीजा नारी शक्ति के सम्मान और दृढ़ निश्चय का प्रतीक है। मुख्यमंत्री के नेवता पर उमड़ी यह भीड़ इस पर्व की सामाजिक और सांस्कृतिक महत्ता को सिद्ध करती है।”

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने तीजा को धार्मिक, सामाजिक और प्राकृतिक सामंजस्य का पर्व बताया। कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने इसे “माताओं-बहनों के लिए खुशी और एकजुटता का उत्सव” कहा।
इस अवसर पर माताओं-बहनों को साड़ी, श्रृंगार सामग्री और छत्तीसगढ़ी कलेवा भेंट कर सम्मानित किया गया। पंडवानी गायिका पद्मश्री उषा बारले और लोकगायिका आरु साहू को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
महिलाओं ने मेहंदी, चूड़ियाँ, आलता और सावन के झूले का आनंद लिया। ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ के पारंपरिक चिन्हारी आभूषणों की प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र रही।
खेल प्रतियोगिताओं जैसे कुर्सी दौड़, नींबू दौड़, जलेबी दौड़ और रस्साकशी में महिलाओं ने उत्साह से भाग लिया। तालियों और हर्षोल्लास से वातावरण गूंज उठा।

कई माताओं-बहनों ने कहा कि ऐसे आयोजनों से त्योहार का आनंद दोगुना हो जाता है और समाज में आपसी मेलजोल भी बढ़ता है।
