डीआरडीओ ने सफलतापूर्वक किया ‘इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम’ का पहला उड़ान परीक्षण, भारत की वायु रक्षा क्षमता हुई और मज़बूत

भुवनेश्वर, 24 अगस्त 2025।
भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने रविवार, 23 अगस्त को दोपहर 12:30 बजे ओडिशा तट पर ‘इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम’ (IADWS) का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया।

पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित इस बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली में क्विक रिएक्शन सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (QRSAM), एडवांस्ड वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS) मिसाइलें और उच्च शक्ति वाला लेज़र आधारित डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) शामिल है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर डीआरडीओ वैज्ञानिकों, सशस्त्र सेनाओं और भारतीय रक्षा उद्योग को बधाई देते हुए कहा—
“यह अनोखा उड़ान परीक्षण हमारी बहु-स्तरीय वायु रक्षा क्षमता को स्थापित करता है। यह महत्वपूर्ण ठिकानों को शत्रु के हवाई खतरों से सुरक्षित करने में मील का पत्थर साबित होगा।”

उल्लेखनीय है कि इससे पहले 20 अगस्त को भारत ने ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) से मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-5’ का सफल परीक्षण भी किया था। रक्षा मंत्रालय के अनुसार सभी तकनीकी और परिचालन मानकों को इस परीक्षण में सफलतापूर्वक पूरा किया गया।

एक सप्ताह के भीतर लगातार हुई इन सफलताओं ने भारत की सामरिक और वायु रक्षा क्षमताओं को और अधिक मजबूत कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रणाली आने वाले वर्षों में भारतीय रक्षा कवच को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।