रायपुर में पहली बार राष्ट्रीय बुनकर अधिवेशन, 28 राज्यों से आए प्रतिनिधि

रायपुर, 24 अगस्त 2025।
राजधानी रायपुर का जैनम मानस भवन इन दिनों देशभर से आए बुनकरों की आवाज़ों से गूंज रहा है। सहकार भारती के बैनर तले यहां पहली बार राष्ट्रीय बुनकर अधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है। 23 और 24 अगस्त को हो रहे इस अधिवेशन में 28 राज्यों से एक हजार से अधिक बुनकर प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

उद्घाटन सत्र में उप मुख्यमंत्री अरुण साव, सहकारिता मंत्री केदार कश्यप और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का वीडियो संदेश भी प्रसारित किया गया, जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ में सहकारिता को मजबूत करने के लिए किए गए कार्यों की जानकारी साझा की और अधिवेशन की सफलता के लिए शुभकामनाएँ दीं।

बुनकरों की मेहनत देश की ताकत
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने अपने संबोधन में कहा, “सहकारिता हमारे रग-रग में बसी है। हमारे बुनकर अपनी मेहनत और लगन से कपड़ा उद्योग को मजबूती दे रहे हैं। सहकार के माध्यम से उनकी स्थिति को नए आयाम दिए जा सकते हैं।” उन्होंने बुनकरों की भूमिका को देश की आर्थिक तरक्की में अहम बताया।

छत्तीसगढ़ की योजनाएँ और पहल
सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि राज्य में लगभग 20 हजार हाथकरघा कार्यरत हैं, जिनसे 60 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने बताया कि 329 पंजीकृत बुनकर सहकारी समितियाँ सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं और स्कूल यूनिफार्म, पुलिस ड्रेस, कंबल और अन्य वस्त्रों की आपूर्ति कर रही हैं। श्री कश्यप ने बताया कि छत्तीसगढ़ में भी जल्द ही नई सहकारी नीति लागू होगी।

उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि बुनकरों की मजदूरी बढ़ाने का वादा सरकार ने पूरा किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में मजदूरी 20 प्रतिशत बढ़ाई, जिसका सीधा लाभ 60 हजार बुनकर परिवारों को मिल रहा है।

बुनकर समाज की चेतना और भविष्य की रणनीति
सहकार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री दीपक कुमार चौरसिया ने कहा कि सहकारिता व्यक्ति को संघर्ष से शक्ति देती है। देशभर में करीब ढाई करोड़ लोग प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से बुनकरी से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि भारत से हर साल साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए के कपड़ों का निर्यात होता है, जिसमें बुनकरों की 15% हिस्सेदारी है।

सहकार भारती के अध्यक्ष डॉ. उदय जोशी ने कहा कि यह अधिवेशन बुनकरों के लिए राष्ट्रीय एजेंडा तैयार करेगा। यहां देशभर के संघ अपनी समस्याओं और भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।

प्रदर्शनी-सह-बिक्री का आकर्षण
अधिवेशन स्थल पर विभिन्न राज्यों के बुनकरों द्वारा बनाए गए कपड़े, हस्तशिल्प और वनोत्पादों की प्रदर्शनी-सह-बिक्री भी लगाई गई है। सहकारिता मंत्री केदार कश्यप और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने इसका शुभारंभ किया। प्रदर्शनी में पारंपरिक वस्त्रों और शिल्पकला के रंग बिखरे हुए हैं, जिन्हें देखने और खरीदने लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।

यह अधिवेशन बुनकरों के लिए न केवल समस्याएँ साझा करने का मंच है, बल्कि उन्हें भविष्य की दिशा तय करने का अवसर भी प्रदान कर रहा है।