रायपुर, August 24, 2025।
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में शनिवार को एक और बड़ा मोड़ सामने आया। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की 5 दिन की कस्टोडियल रिमांड खत्म होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को विशेष PMLA कोर्ट रायपुर में पेश किया गया।
अदालत ने सुनवाई के बाद चैतन्य को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का आदेश दिया, जो 6 सितंबर 2025 तक लागू रहेगी। अब सभी की निगाहें अगली तारीख यानी 6 सितंबर पर टिकी हैं, जब तय होगा कि ED आगे रिमांड की मांग करेगी या उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाई जाएगी।
ED ने इस बार रिमांड नहीं मांगी
अदालत में पेशी के दौरान इस बार ED ने कस्टोडियल रिमांड बढ़ाने का आवेदन नहीं किया। हालांकि, अदालत ने साफ किया कि आगे की जांच में यदि जरूरत पड़ी तो एजेंसी नई अर्जी दायर कर सकती है। फिलहाल चैतन्य को रायपुर जेल भेज दिया गया है।
ED के वकील ने कोर्ट को बताया कि एजेंसी ने अपने दो दिन की जांच अवधि सुरक्षित रखी है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उसका उपयोग किया जा सके।
2,100 करोड़ का घोटाला और 16.7 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
ED का आरोप है कि चैतन्य बघेल ने करीब 16.7 करोड़ रुपये की अवैध रकम शेल कंपनियों और फर्जी संपत्ति सौदों के जरिए लॉन्डर की। यह रकम 2019 से 2022 के बीच हुए 2,100 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है।
इस मामले में आरोप है कि राज्य में शराब की खरीदी, बिक्री और वितरण में अवैध कमीशन वसूला गया और फर्जी कंपनियों के जरिये करोड़ों का लेन-देन किया गया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचा।
राजनीति में बढ़ी गर्माहट
इस घटनाक्रम ने छत्तीसगढ़ की राजनीति को और गरमा दिया है। कांग्रेस का कहना है कि यह कार्रवाई भाजपा सरकार की राजनीतिक प्रतिशोध की रणनीति है। वहीं, भाजपा का कहना है कि “सच्चाई सामने आनी चाहिए और घोटाले में शामिल सभी लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”
इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश की जनता भी अब अदालत के अगले फैसले का इंतजार कर रही है।
