रायपुर में पहली राष्ट्रीय बुनकर अधिवेशन का उद्घाटन, 28 राज्यों से एक हजार से अधिक प्रतिनिधि शामिल

रायपुर, 23 Aug 2025: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 23 अगस्त को देश में पहली बार राष्ट्रीय बुनकर अधिवेशन का आयोजन किया गया। उद्घाटन सत्र में छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव, सहकारिता मंत्री केदार कश्यप और श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने भाग लिया। इस अधिवेशन में 28 राज्यों से एक हजार से अधिक बुनकर संघों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का वीडियो संदेश दिखाया गया। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में बुनकरों के महत्व और छत्तीसगढ़ में सहकारिता को मजबूत करने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी और आयोजकों तथा प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने अपने संबोधन में कहा कि सहकारिता हमारे समाज में गहरे निहित है। उन्होंने बुनकरों के कठिन परिश्रम और उनके योगदान को सराहा और कहा कि सहकारिता के माध्यम से उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाया जा सकता है।

सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि राज्य में लगभग 20,000 हाथकरघा कार्यरत हैं, जिनसे 60,300 लोगों को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने बताया कि 329 पंजीकृत प्राथमिक बुनकर सहकारी समितियां महासंघ से जुड़ी हैं और सरकारी वस्त्रों का उत्पादन कर रही हैं।

उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि बुनकर समाज सदियों से परिश्रम और समर्पण के साथ काम कर रहा है। उन्होंने बुनकरों की मजदूरी में हाल ही में बढ़ोतरी का जिक्र करते हुए कहा कि इससे 60,000 लोगों को सीधा लाभ मिला है।

सहकार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री दीपक कुमार चौरसिया ने कहा कि सहकारिता व्यक्ति के संघर्ष को शक्ति देती है और बुनकर परंपरा, संस्कृति और आजीविका को जोड़ती है। वहीं अध्यक्ष डॉ. उदय जोशी ने बताया कि सहकार भारती देश के 28 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के 650 जिलों में सक्रिय है और इस अधिवेशन में बुनकरों के लिए राष्ट्रीय एजेंडा तैयार किया जाएगा।

अधिवेशन का उद्देश्य बुनकरों में जागरूकता बढ़ाना, उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति मजबूत करना और सहकारिता आंदोलन को गति देना है।