नई दिल्ली, 22 अगस्त 2025।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025 को मंजूरी दे दी, एक दिन बाद जब इसे राज्यसभा ने पारित किया। यह कानून सभी ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं पर प्रतिबंध लगाता है। facilitators को 3 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इन प्लेटफार्मों का विज्ञापन करने पर 2 साल की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
लोकसभा ने बिल को मात्र 7 मिनट में पारित किया था, जबकि राज्यसभा ने इसे 26 मिनट में मंजूरी दी। विपक्ष ने प्रक्रियात्मक चिंताओं को लेकर विरोध जताया।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैश्नव ने संसद में कहा कि लोग ऑनलाइन मनी गेमिंग में अपनी जीवनभर की बचत खो रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार 450 मिलियन खिलाड़ी ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफार्मों पर ₹20,000 करोड़ से अधिक हार चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह बिल ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देगा और समाज को ऑनलाइन मनी गेम्स के हानिकारक प्रभाव से बचाएगा। उन्होंने कहा,
“यह बिल भारत को गेमिंग, नवाचार और रचनात्मकता का केंद्र बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
उद्योग जगत की प्रतिक्रिया:
वहीं, 31,000 करोड़ रुपये के ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर के उद्योग समूहों ने इसे “घातक निर्णय” करार दिया है। उनका कहना है कि यह निर्णय विदेशी ऑपरेटरों को लाभ पहुँचाएगा और घरेलू, नियम पालन करने वाली कंपनियों को नुकसान होगा। इस सेक्टर में 2 लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं और 2022 के बाद इसमें 25,000 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आया है। बिल पारित होने के बाद कई प्रमुख गेमिंग प्लेटफार्म जैसे Dream11 और WinZO ने संचालन रोकने की घोषणा कर दी है।
यह बिल भारत में ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सामाजिक खेलों को बढ़ावा देने के साथ-साथ जुआ और मनी गेमिंग से समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास है।
