बिलासपुर, 22 अगस्त 2025।।
एम्स बिलासपुर में एमबीबीएस बैच-2025 की पहली काउंसलिंग के दौरान एक महिला अभ्यर्थी फर्जी दस्तावेजों के सहारे दाखिला पाने पहुंच गई। लेकिन सत्यापन प्रक्रिया में उसकी पोल खुल गई।
एम्स प्रशासन की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। जांच में सामने आया कि बिहार के लखीसराय जिले की रहने वाली अंकिता भारती ने रैंक कार्ड और अलॉटमेंट पत्र में छेड़छाड़ की थी। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) के तहत मामला पंजीकृत किया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव चौधरी ने बताया कि काउंसलिंग कमेटी को जब अभ्यर्थी का नाम मेडिकल काउंसलिंग समिति की चयनित सूची में नहीं मिला, तो शक गहरा गया। पूछताछ में वह लॉगइन आईडी का पासवर्ड न चलने का बहाना करती रही। जब उसने स्कोर कार्ड दिखाया तो वह धुंधला और अपठनीय था।
इतना ही नहीं, अंकिता ने मोबाइल से लिया गया स्क्रीनशॉट भी प्रस्तुत किया जिसमें उसका NEET-UG पर्सेंटाइल 84 और अंक 590 दर्शाए गए थे। समिति ने जब इसकी तुलना अन्य अभ्यर्थियों से की तो गड़बड़ी साफ हो गई। आधिकारिक वेबसाइट से असली स्कोर कार्ड डाउनलोड करने पर पता चला कि उसके मात्र 30 अंक और रैंक लगभग 20 लाख थी।
कड़ी पूछताछ में अंकिता ने स्वीकार किया कि उसने फर्जीवाड़ा किया था। इसके बाद एम्स प्रशासन ने पूरी जानकारी पुलिस को सौंप दी। अब पुलिस इस मामले में विस्तृत जांच कर रही है।
