बिलासपुर (हिमाचल), 22 अगस्त 2025।
शिमला-धर्मशाला हाईवे पर मंगरोट में एक बार फिर जमीन विवाद गहराने लगा है। हाईवे की 17 बिस्वा भूमि पर अपना दावा जताने वाले राजनकांत शर्मा ने गुरुवार को हाईवे की लेन पर मलबा डाल दिया। इसके चलते करीब 200 मीटर तक हाईवे की एक लेन बाधित हो गई है, जिससे वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित हुई।
राजनकांत का कहना है कि प्रशासन की निशानदेही में यह जमीन उनकी ही निकली है और अब वह अपनी पुश्तैनी संपत्ति वापस चाहते हैं। उनका आरोप है कि हाईवे का निर्माण उनकी माँ के नाम पर दर्ज 17 बिस्वा भूमि से होकर निकाला गया है।
यह विवाद नया नहीं है। दिसंबर 2022 में हाईकोर्ट के आदेश पर राजनकांत का खोखा प्रशासन ने हाईवे किनारे से हटाया था। उस समय उन्होंने आठ बिस्वा भूमि पर दावा किया था और हाईवे पर खोखा भी खड़ा कर दिया था, जिसे हटाने में प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ी थी।
मार्च 2023 में राजनकांत ने दोबारा खोखा लगाया। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन पर उन्होंने खोखा हटा दिया और फिर निशानदेही की मांग की। निशानदेही में आठ बिस्वा भूमि निजी पाई गई। इस रिपोर्ट का विरोध करते हुए लोक निर्माण विभाग ने तहसीलदार कोर्ट में अपील की।
कोर्ट के आदेश पर जनवरी 2025 में दोबारा निशानदेही हुई, जिसमें पाया गया कि हाईवे वास्तव में राजनकांत की मां की 17 बिस्वा भूमि से होकर निकाला गया है। इसी आधार पर राजनकांत ने अब अपनी जमीन वापस लेने की मांग तेज कर दी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह विवाद तीन साल से चल रहा है और हर बार सड़क पर मलबा गिरने या खोखा लगाने जैसी घटनाएँ यातायात को बाधित कर रही हैं। एक राहगीर ने नाराजगी जताते हुए कहा – “हमें रोज़ घंटों जाम में फंसना पड़ता है। प्रशासन और राजनकांत के बीच खींचतान का खामियाजा हम भुगत रहे हैं।”
फिलहाल प्रशासन इस मामले में अगली कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। लोक निर्माण विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है और रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
