रायपुर, 21 अगस्त 2025।
रायपुर की साहित्यिक फिज़ा एक बार फिर कविता, कहानियों और जनगीतों से सराबोर होने जा रही है। शब्दों की दुनिया और सुरों की गूंज से सजे इस मंच पर रचनाकार अपनी संवेदनाओं को साझा करेंगे और श्रोता उस रचनात्मक प्रवाह का हिस्सा बनेंगे, जो समाज को नई दृष्टि और ऊर्जा देता है।
छत्तीसगढ़ में जन संस्कृति मंच (जसम) अपनी गतिविधियों का लगातार विस्तार कर रहा है। नए और प्रतिबद्ध रचनाकार इस मंच से जुड़ रहे हैं और अपनी रचनाशीलता को साझा कर रहे हैं। इसी क्रम में जसम ने ‘सृजन संवाद’ शीर्षक से एक विशेष कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसमें रचनाकार अपनी रचनाओं के जरिए साहित्य और समाज के साथ संवाद करते हैं।
अब इस श्रृंखला का दूसरा आयोजन 24 अगस्त को शाम साढ़े पाँच बजे रायपुर के सिविल लाइन स्थित वृंदावन हॉल में होगा।

कार्यक्रम की झलक
इस मौके पर प्रदेश के कई युवा और वरिष्ठ रचनाकार अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे। इनमें प्रतीक कश्यप, पुजाली पटले, भागीरथी वर्मा, नरेश गौतम, सर्वज्ञ नायर, नरेश साहू, डॉ. रामेश्वरी दास, नरोत्तम शर्मा, आमिर हाशमी, अनुष्का भट्टाचार्य, डॉ. अरुण जायसवाल, आरडी अहिरवार, वंदना कुमार और संजीव खुदशाह शामिल हैं।
जनगीतों की गूंज भी इस आयोजन को खास बनाएगी। अंचल की प्रसिद्ध गायिकाएँ वर्षा बोपचे और सुनीता शुक्ला अपनी प्रस्तुतियों से वातावरण को जनसंघर्ष और सांस्कृतिक चेतना से सराबोर करेंगी।

विशेष उपस्थिति
इस अवसर पर देश के नामचीन आलोचक सियाराम शर्मा, कथाकार और उपन्यासकार कैलाश बनवासी, लेखिका सनियारा खान और लेखक-पत्रकार समीर दीवान बतौर प्रमुख वक्ता शामिल होंगे।
कार्यक्रम का संचालन लेखिका रूपेंद्र तिवारी करेंगी, जबकि धन्यवाद ज्ञापन अजय शुक्ला द्वारा दिया जाएगा।
जसम रायपुर के सचिव इंद्र कुमार राठौर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि “सृजन संवाद” का उद्देश्य सिर्फ साहित्यिक अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि समाज में रचनाशीलता और जनचेतना का सेतु बनाना है।

