रायपुर, 21 अगस्त 2025।
छत्तीसगढ़ की राजनीति गुरुवार को और गरमा गई जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाले भाजपा सरकार ने मंत्रिमंडल का विस्तार कर तीन नए चेहरों को शामिल किया। राज्य के इतिहास में यह पहला मौका है जब मुख्यमंत्री समेत मंत्रिपरिषद की संख्या 14 तक पहुँच गई है।
दुर्ग विधायक गजेन्द्र यादव, आरंग विधायक गुरु खु्सवंत साहेब और अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल ने मंत्री पद की शपथ ली। इस विस्तार के साथ ही भाजपा ने एक ओर जहां ओबीसी, अनुसूचित जाति और वैश्य समुदायों को साधने की कोशिश की है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने इसे संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करार दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा पर “संवैधानिक प्रावधानों की धज्जियां उड़ाने” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा,
“हमारे शासनकाल में जब हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर एक अतिरिक्त मंत्री की अनुमति मांगी थी तो मना कर दिया गया था। आज भाजपा सरकार ने मनमाने तरीके से 14 मंत्री बना लिए। क्या केंद्र सरकार ने इसकी अनुमति दी? क्या कोई राजपत्र अधिसूचना आई? अगर नहीं, तो यह विस्तार असंवैधानिक है।”
भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विधानसभा में 90 सदस्य होने पर 15% के हिसाब से कुल 14 मंत्री बनाए जा सकते हैं, जैसा हरियाणा में है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंत्रियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह नया दल छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा “नई ऊर्जा और पूर्ण समर्पण” के साथ करेगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” के सपने को पूरा करेगा।
नए मंत्रियों की भूमिका:
- गजेन्द्र यादव (ओबीसी नेता, दुर्ग): स्कूल शिक्षा, ग्रामोद्योग और विधि-विधान विभाग। यह कदम यादव समुदाय को साधने की रणनीति माना जा रहा है।
- गुरु खु्सवंत साहेब (सतनामी समाज के प्रमुख, आरंग): तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार और अनुसूचित जाति विकास। उनके शामिल होने से भाजपा को सतनामी समाज में मज़बूती मिलने की उम्मीद है।
- राजेश अग्रवाल (अंबिकापुर, वैश्य समाज): पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक मामले। उनके चयन को पीढ़ीगत बदलाव और व्यापारी वर्ग को प्रतिनिधित्व देने के रूप में देखा जा रहा है।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि भाजपा ने सामाजिक समीकरणों को साधने के साथ ही विपक्ष को घेरने की तैयारी भी कर ली है। लेकिन बघेल के सवालों से खड़ा हुआ संवैधानिक विवाद आने वाले दिनों में सियासत का बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है।
