रायपुर, 20 अगस्त 2025।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज शिक्षा व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की सुशासन की सोच और शिक्षा विभाग के प्रयासों से 845 नव पदोन्नत प्राचार्यों के लिए ओपन काउंसिलिंग की शुरुआत हुई।
यह काउंसिलिंग शासकीय शिक्षा महाविद्यालय, शंकर नगर परिसर में आयोजित हो रही है। संचालक लोक शिक्षण श्री ऋतुराज रघुवंशी और वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में पहले ही दिन सैकड़ों प्राचार्यों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी रखी गई है। रिक्त पदों की सूची शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर पहले ही जारी कर दी गई थी। इससे सभी अभ्यर्थियों को स्पष्ट रूप से यह जानकारी मिल सकी कि कहाँ पर पद रिक्त हैं और उनकी प्राथमिकताएँ क्या हो सकती हैं।
सरकार ने व्यवस्था इस प्रकार बनाई है कि किसी को भी असुविधा न हो। दिव्यांग प्राचार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी, उसके बाद महिला अभ्यर्थियों और फिर पुरुष अभ्यर्थियों को वरिष्ठता के आधार पर चयन का अवसर मिलेगा। इतना ही नहीं, जो प्राचार्य एक वर्ष के भीतर सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उन्हें भी वरीयता दी गई है।
इस पूरे आयोजन में मानवीय संवेदनशीलता और पारदर्शिता झलकती है। प्राचार्य अपनी सेवा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र लेकर काउंसिलिंग कक्ष में प्रवेश कर रहे हैं। बाहर वेटिंग हॉल में प्रतीक्षा के दौरान कई अभ्यर्थी वर्षों की मेहनत और संघर्ष की कहानियाँ आपस में साझा कर रहे हैं। किसी के चेहरे पर उत्साह है तो किसी के मन में नई जिम्मेदारी को लेकर संकल्प।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई अभ्यर्थी नियत तारीख पर उपस्थित नहीं हो सका, तो उसे अंतिम दिन 23 अगस्त को अवसर मिलेगा। काउंसिलिंग पूर्ण होने के बाद पदस्थापना आदेश जारी किए जाएंगे और सात दिनों के भीतर प्राचार्यों को अपना नया पदभार ग्रहण करना होगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि उनकी सरकार शिक्षा विभाग को पारदर्शी, सहज और निष्पक्ष बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कदम उसी दिशा में एक सशक्त शुरुआत है।
