नई दिल्ली।
तकनीकी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने के लिए गूगल ने बड़ा कदम उठाया है। कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने घोषणा की है कि अब गूगल इन-पर्सन (सामना-सामनी) इंटरव्यू फिर से शुरू करेगा।
दरअसल, वर्चुअल इंटरव्यू में उम्मीदवारों द्वारा एआई टूल्स से नकल करने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। पिचाई ने जून में दिए एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में कहा, “हम कम से कम एक राउंड इन-पर्सन इंटरव्यू ज़रूर लाएंगे ताकि उम्मीदवार की असली योग्यता और बुनियादी समझ परख सकें।”
फरवरी में गूगल के इंटरनल टाउनहॉल मीटिंग में भी कर्मचारियों ने खुलकर यह मुद्दा उठाया। एक कर्मचारी ने पूछा, “क्या हम फिर से ऑनसाइट जॉब इंटरव्यू ला सकते हैं? इस पर कई ईमेल थ्रेड्स चल रहे हैं। अगर बजट समस्या है तो भी उम्मीदवारों को किसी नियंत्रित माहौल में बुलाया जा सकता है।”
गूगल के वाइस प्रेसिडेंट ऑफ रिक्रूटिंग ब्रायन ओंग ने माना कि यह कंपनी के सामने एक बड़ी चुनौती है। वर्चुअल इंटरव्यू तेज़ और सुविधाजनक तो हैं, लेकिन इनमें नकल की समस्या इतनी गहरी हो गई है कि कई हायरिंग मैनेजर बताते हैं—50% से अधिक उम्मीदवार तकनीकी इंटरव्यू में एआई की मदद से धोखाधड़ी कर रहे हैं।
पिचाई ने कहा, “जब हम सभी हाइब्रिड काम कर रहे हैं तो कुछ इंटरव्यू इन-पर्सन करने पर विचार करना चाहिए। इससे उम्मीदवार गूगल की संस्कृति को भी समझ पाएंगे और कंपनी भी सही टैलेंट चुन सकेगी।”
गूगल ही नहीं, बल्कि पूरा उद्योग इस चुनौती से जूझ रहा है। Anthropic, Amazon, Cisco, McKinsey और Deloitte जैसी कंपनियां भी भर्ती प्रक्रिया में नए एंटी-चीटिंग उपाय लागू कर रही हैं। Deloitte ने तो अपने यूके ग्रेजुएट प्रोग्राम में फिर से आमने-सामने इंटरव्यू अनिवार्य कर दिए हैं।
यह बदलाव महामारी के दौर की वर्चुअल हायरिंग प्रथाओं से एक बड़ा उलटफेर है। कंपनियां अब स्पष्ट कर रही हैं कि वे भर्ती प्रक्रिया की ईमानदारी को प्राथमिकता देंगी, भले ही इसके लिए वर्चुअल इंटरव्यू की सुविधा और लागत बचत छोड़नी पड़े।
