Election Commissions Press Conference August 18, 2025
बिहार की राजनीति इन दिनों मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर गर्माई हुई है। विपक्षी दल, खासकर राहुल गांधी, बार-बार चुनाव आयोग पर मतदाता डेटा में गड़बड़ी और भाजपा को लाभ पहुँचाने का आरोप लगा रहे हैं।
राहुल गांधी ने पटना से शुरू की गई अपनी वोटर अधिकार यात्रा के दौरान कहा कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के नतीजों में बड़ा फर्क सिर्फ इस वजह से आया क्योंकि “चुनाव आयोग ने चार महीने में जादुई तरीके से एक करोड़ नए वोटर जोड़ दिए।” उनका सवाल था – “ये वोटर कौन हैं और कहाँ से आए?”
इन आरोपों का चुनाव आयोग ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कड़ा जवाब दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने साफ कहा कि आयोग किसी भी दल का पक्षधर नहीं है। आयोग पर लगे आरोप “निराधार” और “संविधान का अपमान” हैं।
उन्होंने चुनौती दी – “अगर आपके पास सबूत है तो शपथपत्र दीजिए, वरना देश से माफी मांगिए। सात दिन में हलफनामा नहीं दिया गया तो माना जाएगा कि आरोप झूठे हैं।”
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि पिछले 20 साल से केवल सामान्य मतदाता सूची संशोधन हो रहा था। इस बीच कई बार शिकायतें मिलीं कि वोटर नाम काटे गए या डुप्लीकेट हैं। इस वजह से पहली बार इतने बड़े पैमाने पर SIR हुआ, जिसमें 90 हजार BLO घर-घर जाकर 7.89 करोड़ लोगों का सत्यापन कर रहे हैं। अब तक 7.24 लाख फॉर्म वापस आए हैं।
कहानी का मानवीय पहलू भी यही है – गाँव छोड़कर शहर आए लोगों को दोहरी वोटिंग की परेशानी से छुटकारा दिलाना और जिनके नाम कटे हैं उन्हें फिर से सूची में जोड़ना। चुनाव आयोग का दावा है कि इससे मतदाता अधिकार और मजबूत होंगे।
हालाँकि, कांग्रेस और INDI गठबंधन का मानना है कि यह पूरी कवायद वोटरों को डराने और विपक्षी वोट बैंक को कमजोर करने की साजिश है। सच सामने आएगा या नहीं, यह आने वाला वक्त बताएगा। लेकिन इतना तय है कि बिहार से उठी यह बहस अब संसद से सड़क तक गूँज रही है और देश की राजनीति को हिला रही है।
