रायपुर, 16 अगस्त 2025। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा इन दिनों संभागस्तरीय पुलिस बैठकों को लेकर चर्चा में हैं। बस्तर और सरगुजा संभाग की बैठकों के बाद अब 26 अगस्त को दुर्ग संभाग के आईजी और एसपी को बैठक के लिए तलब किया गया है।
इस बैठक का एजेंडा व्यापक है और इसमें नशे के कारोबार, कानून व्यवस्था, साइबर क्राइम, चिटफंड घोटाले, गौ तस्करी, पुलिस कल्याण और आगामी कार्ययोजना जैसे 20 से अधिक बिंदु शामिल हैं।
11 अगस्त को सरगुजा संभाग की बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह मनोज पिंगुवा, आईजी पीएचक्यू अजय यादव, आईजी सरगुजा दीपक झा सहित सभी जिले के पुलिस अधीक्षक मौजूद थे। इस बैठक में अपराध नियंत्रण, नशा और अवैध गतिविधियों पर रोकथाम, साइबर क्राइम, गौ तस्करी और पुलिस कल्याण पर गहन चर्चा हुई।
अब 26 अगस्त को दुर्ग में होने वाली बैठक में गृहमंत्री ने थानावार बीट प्रणाली, गैंग और हिस्ट्रीशीटरों की निगरानी, लंबित मर्ग और गुम इंसान के मामलों की समीक्षा, जमानत पर छूटे आरोपियों की मॉनिटरिंग और पुलिस कल्याण जैसे मुद्दों पर चर्चा के निर्देश दिए हैं।
गृहमंत्री विजय शर्मा की इस बढ़ी हुई सक्रियता पर राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हैं। सवाल उठ रहा है कि क्या यह कदम केवल प्रशासनिक मजबूती है या इसके पीछे सियासी रणनीति भी छिपी है। पिछली सरकार में मंत्री स्तर पर ऐसी बैठकों को लेकर विवाद खड़ा हो चुका था, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री स्तर पर किसी तरह की नाराजगी सामने नहीं आई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि दुर्ग संभाग की बैठक के बाद गृहमंत्री की इस सक्रियता के सियासी मायने स्पष्ट हो सकते हैं।
