बिलासपुर, 16 अगस्त 2025।
बिलासपुर में बढ़ती चाकूबाजी की घटनाओं को देखते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट्स का स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा कि शहर की पान दुकानों, जनरल स्टोर्स और गिफ्ट शॉप्स में 100 से 500 रुपये तक के डिजाइनर, बटन और फोल्डिंग चाकू आसानी से बेचे जा रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक है।
कोर्ट ने गृह विभाग के प्रमुख सचिव को पक्षकार बनाते हुए व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए। साथ ही यह सवाल भी उठाया कि – “ये खतरनाक चाकू खुलेआम और ऑनलाइन कैसे बिक रहे हैं? बेचने और खरीदने, दोनों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है?”
कोर्ट की कड़ी टिप्पणी
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तल्ख लहजे में कहा –
“ये बटनदार और डिजाइनर चाकू कोई सब्जी काटने के लिए नहीं खरीदे जाते। इसकी गंभीरता को समझिए। आपके पास आर्म्स एक्ट है, फिर कार्रवाई में ढिलाई क्यों?”
7 मौतें और 122 घायल
अदालत में पेश रिपोर्ट ने स्थिति की गंभीरता और बढ़ा दी। जनवरी से जुलाई 2025 के बीच सिर्फ बिलासपुर में 120 चाकूबाजी की घटनाएं दर्ज हुईं। इनमें 7 लोगों की मौत हो गई और 122 लोग घायल हुए। इनमें से कई घटनाएं मामूली कहासुनी या विवाद के चलते हुईं। पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत कुछ मामलों में कार्रवाई की, लेकिन हथियारों की आसान उपलब्धता अब सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।
ऑनलाइन बिक्री भी चिंता का कारण
एडवोकेट जनरल प्रफुल्ल एन. भारत ने कोर्ट को बताया कि न केवल स्थानीय दुकानों बल्कि ऑनलाइन प्लेटफार्म पर भी ये खतरनाक चाकू बिक रहे हैं। राज्य सरकार ने इस दिशा में कदम उठाए हैं, लेकिन पूरी तरह रोक लगाने के लिए ठोस रणनीति बनाना बेहद जरूरी है।
इस मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी।
