दुर्ग पुलिस की सतर्कता से अपहृत 8 माह के मासूम की सकुशल घर वापसी, बिहार से चार आरोपी गिरफ्तार

दुर्ग, 15 अगस्त 2025।
माँ की गोद से छीनकर ले जाए गए 8 माह 25 दिन के मासूम की घर वापसी की कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं। यह मामला 20 जून 2025 को शुरू हुआ, जब दुर्ग की एक महिला को उसके रिश्तेदार संगनी बाई और संतोष पाल बहला-फुसलाकर कोरगांव (जिला कोंडागांव) और फिर पटना, बिहार ले गए।

पटना से छत्तीसगढ़ वापसी के दौरान, दानापुर रेलवे स्टेशन पर आरोपियों ने महिला से कहा कि वे कुछ खाने का सामान लाते हैं, लेकिन उसी दौरान वे बच्चे को उसकी गोद से जबरन छीनकर ट्रेन से उतर गए और फरार हो गए। अजनबी जगह और ट्रेन छूट जाने के कारण महिला किसी तरह दुर्ग लौटी और परिवार के साथ पुलिस के पास पहुंची।

मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला थाना सेक्टर-06 भिलाई ने 25 जुलाई को बीएनएस की धारा 137(2)(3)(5) के तहत अपराध दर्ज किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आईयूसीएडब्ल्यू के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी ने दो विशेष टीमों का गठन किया।

पहली टीम ने संगनी बाई को कोरगांव, कोंडागांव से गिरफ्तार किया। दूसरी टीम बिहार रवाना हुई और नालंदा, पटना, बाढ़, घोसवरी, सिलाव सहित कई थानों में सघन तलाश अभियान चलाया। अंततः चार आरोपी — संतोष पाल (नालंदा), प्रदीप कुमार (जगनपुरा, पटना), डॉक्टर बादल उर्फ मिथलेश (भदौर), और गौरी महतो (घोसवरी) को गिरफ्तार कर मासूम को सकुशल बरामद कर उसकी माँ को सौंप दिया गया।

इस सफल अभियान में सउनि खुशबू वर्मा, पूर्ण बहादुर सिंह, प्रधान आरक्षक तोरन सिंह (क्रमांक 1394), आरक्षक शहबाज खान (क्रमांक 1595) और अमित दुबे (क्रमांक 247) का सराहनीय योगदान रहा।