राजनांदगांव, 15 अगस्त 2025।
स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर ज़िले में सुरक्षा बलों ने नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता हासिल की। मडानवाड़ा-रेटेगांव क्षेत्र में हुए संयुक्त ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने दो शीर्ष नक्सली कमांडरों को मार गिराया, जिनमें सबसे बड़ा नाम था — ज़ोनल कमेटी सदस्य और देश के सबसे वांछित नक्सलियों में से एक विजय रेड्डी।
ज़िला पुलिस अधीक्षक वाई.पी. सिंह ने बताया कि विजय रेड्डी पर कुल 90 लाख रुपये का इनाम था — जिसमें 25-25 लाख रुपये छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सरकार की ओर से, 20 लाख आंध्र प्रदेश और 20 लाख तेलंगाना से घोषित थे। वह चार राज्यों में कई गंभीर मामलों में वांछित था।
दूसरा नक्सली, लोकेश सलामे, भी संगठन का अहम सदस्य था, जिस पर कुल 26 लाख रुपये का इनाम था — जिसमें 10 लाख छत्तीसगढ़ और 16 लाख महाराष्ट्र सरकार से। दोनों लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर थे।
सूचना मिली थी कि बांदा पहाड़ी पर नक्सलियों का जमावड़ा है। इस पर मोहला-मानपुर पुलिस, आईटीबीपी और कांकेर पुलिस की संयुक्त टीम ने इलाके में घेराबंदी की। मुठभेड़ में दोनों नक्सली मारे गए।
घटनास्थल से सुरक्षाबलों ने भारी मात्रा में हथियार और उपकरण बरामद किए — जिनमें एक INSAS राइफल, .303 राइफल, कॉर्डेक्स वायर और वॉकी-टॉकी शामिल हैं। दोनों के शव जिला मुख्यालय लाए गए, जहां उनकी पहचान की पुष्टि की गई।
सुरक्षाबलों की इस सफलता को नक्सल विरोधी अभियान में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
